मुंबईः मुंबई की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को भगोड़े जौहरी नीरव मोदी की कंपनियों की 500 करोड़ रुपये की संपत्तियों का कब्जा पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को देने की इजाजत दी है. लगभग दो सप्ताह की अवधि में यह तीसरा ऐसा आदेश है, जिसमें नीरव मोदी की कंपनियों के स्वामित्व वाली लगभग 1,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों का इस तरह कब्जा प्रदान किया जा चुका है. नीरव मोदी को दिसंबर 2019 में भगौड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था जबकि उसके रिश्तेदार मेहुल चैकसी पर पीएनबी के साथ 14,000 करोड़ रुपये की ऋण धोखाधड़ी करने का इल्जाम है. प्रवर्तन निदेशालय ने इन दोनों की कई संपत्तियों को जब्त किया है. नीरव मोदी वर्तमान में ब्रिटेन की जेल में है और भारत में प्रत्यपर्ण के मुकदमे का सामना कर रहा है.

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प्रौद्योगिक मंच बनाने के लिए समिति गठित 
वहीं, केंद्र ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि उसने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्क्ष करों से जुड़े मामलों से संबंधित अपील दायर करने की प्रक्रिया दुरूस्त करने के लिये प्रौद्योगिकी मंच विकसित करने को लेकर एक समिति गठित की है. समिति के अध्यक्ष नेशनल इनफॉमेटिक्स सेंटर में ई-अदालत परियोजना की अगुवाई कर रहे आशीष शिरधोनकर होंगे. सोलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायाधीश एम आर शाह की पीठ को बताया कि समिति तीन महीने में अपना काम पूरा करेगी और इसके सदस्य राजस्व विभाग, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) तथा केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) से होंगे. न्यायालय ने केंद्र से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कराधान मामलों से संबंधित अपील दाखिल करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में तेजी लाने के लिए कहा था. 


छापेमारी में 300 करोड़ रु के काले धन का पता लगाया
वहीं, एक दूसरे मामले में आयकर विभाग ने गुजरात के राजकोट की एक प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी के कई परिसरों पर छापेमारी के बाद 300 करोड़ रुपये से ज्यादा के कथित काले धन का पता लगाया है.  सीबीडीटी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. मंगलवार को छापेमारी की गयी और कंपनी के करीब 40 परिसरों की तलाशी में 6.40 करोड़ रुपये नकद और 1.70 करोड़ रुपये के जेवर जब्त किए गए.


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