Prophet Muhammad 10 Education: इस्लाम धर्म के प्रवर्तक प्रोफेट मोहम्मद स0 की शिक्षाओं को पूरी दुनिया के मुसलमान मानते हैं. इस्लाम धर्म के मुताबिक प्रोफेट मोहम्मद स0 सिर्फ मुसलमानों के लिए रहमत बनकर नहीं आए थे बल्कि वह पूरी इंसानियत बनकर आए थे. उन्होंने पूरी इंसानियत को कई पैगाम दिए लेकिन हम यहां पर उनकी कुछ शिक्षाएं पेश कर रहे हैं.


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पड़ोसियों का ख्याल
प्रोफेट मोहम्मद स0 ने पड़ोयों का ख्याल रखने की हिदायत दी है. आप जब भी किसी मुसीबत में होते हैं तो पड़ोसी ही आपके काम आता है. ऐसे में प्रोफेट मोहम्मद स0 का कहना है कि वह मुसलमान ही नहीं है जिसका पेट भरा हो, जबकि उसके पड़ोसी भूखे सो रहे हों.


सादा जिंदगी
प्रोफेट मोहम्मद स0 ने बहुत ही सादी जिंदगी गुजारी. उन्होंने लोगों को बताया कि 'उन लोगों को देखो जो आपसे कमतर हैं, न कि उन लोगों को जो अपने से बेहतर हैं, ऐसा करोगे तो तुम अल्लाह के लिए शुक्रगुजार होंगे.  


मुस्कुराना
प्रोफेट मोहम्मद स0 की खास बात यह थी कि वह मुस्कुराते रहते थे. वह सामने वाले को पॉजिटिव महसूस कराते थे. उनके मुताबिक खुश रहो और सामने वाले को खुश महसूस कराओ.


साफ-सफाई
इस्लाम में माना जाता है कि पाकी और सफाई आधा ईमान है. प्रोफेट मुहम्मद स0 रोजाना अपने दांतों को साफ किया करते थे. साफ-सफाई और अच्छी सेहत को इस्लाम का अहम हिस्सा बताया गया है.


सदका
पैगंबर मोहम्मद स0 की शिक्षाओं में दान है. वह गरीबों को दान दिया करते थे. इस्लाम में कहा गया है कि गरीबों और फकीरों को डांटा मत करो. इस्लाम में अपनी कमाई का 2.5 फीसद दान करना फर्ज है.


दयालु
प्रोफेट मोहम्मद कभी सख्त नहीं होते थे. इस्लाम में बताया गया है कि अल्लाह दयालु है और मुलायमियत पसंद करता है, और वह मुलायमियत के लिए उतना इनाम देता है जितना वह कठोरता या किसी और चीज के लिए नहीं देता है.


अपने बारे में सोचना
प्रोफेट मोम्मद स0 अपने से कम ओहदे पर काबिज लोगों के साथ अच्छा सलूक करने की हिदायत दी है. स्टाफ, नौकर और गुलामों से भी अच्छा व्यवहार करना चाहिएए. मजदूर को उसका पसीना सूखने से पहले मजदूरी देने का भी हुक्म दिया है.


समानता
प्रोफेट मोहम्मद की शिक्षाओं में समानता भी है. इस्लाम के मुताबिक धरती पर हर शख्स एकसमान है. इस्लाम में जात बिरादरी भी नहीं है. न ही छुआ छूत है. नमाज में अमीर और गरीब सब एक साथ खड़े होते हैं.


अच्छा व्यवहार (अखलाक)
प्रोफेट मोहम्मद स0 ने कहा कि कयामत के दिन अल्लाह सब से ज्यादा उस बंदे से खुश होगा और उसे इनाम दिया जाएगा जो दुनिया जो दुनिया में लोगों से अच्छा व्यवहार करता था. जिसका आचरण दूसरे के प्रति भी बेहद संस्कारित और दयालुता से भरा था.