पूर्णियाः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने अपने पूर्व सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर शुक्रवार को जोरदार हमला बोला. शाह ने नीतीश कुमार पर प्रधानमंत्री पद की अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलाकर भारतीय जनता पार्टी की पीठ में छुरा घोंपने का इल्जाम लगाया है. उत्तर बिहार के पूर्णिया में आयोजित एक रैली में शाह ने कहा कि नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की जोड़ी का 2024 के लोकसभा चुनावों में खत्म हो जाएगी और एक साल बाद, भाजपा राज्य विधानसभा चुनाव में अपने दम पर बहुमत हासिल करेगी. अमित शाह बिहार में पिछले महीने राजनीतिक उठा-पटक के कारण भाजपा के सत्ता गंवाने के बाद पहली बार राज्य के दौरे पर पहुंचे हैं. 

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भाजपा ने नीतीश का समर्थन करके बड़प्पन दिखाया था 
हालांकि, अमित शाह ने नीतीश कुमार की पार्टी जद (यू) के इस दावे पर कोई भी टिप्पणी करने से परहेज किया कि भाजपा ने उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की थी. शाह ने इल्जाम लगाया है कि 2020 के विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार की पार्टी द्वारा जीती गई सीटों की तादाद हमारी संख्या की लगभग आधी थी. लेकिन भाजपा ने पूर्व में किए गए अपने वादे को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री के रूप में उनका समर्थन करके बड़प्पन दिखाया था. लेकिन, लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही प्रधानमंत्री पद की उनकी महत्वाकांक्षा नीतीश कुमार पर हावी हो गई और उन्होंने हमारी पीठ में छुरा घोंप दिया. 



भाजपा ने कुमार की पीठ में छुरा घोंपने की साजिश रची थीः जद (यू)
वहीं, नीतीश कुमार पर भाजपा की पीठ में छुरा घोंपने के इल्जामों पर जनता दल यूनाइटेड ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर पलटवार करते हुए कहा कि नीतीश ने नहीं बल्कि भाजपा ने नीतीश के पीठ में छुरा घोंपने की साजिश रची थी. जद (यू) ने कहा है कि भाजपा ने लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान के साथ मिलकर 2020 के बिहार विधानसभा चुनावों में उसे नुकसान पहुंचाया और बाद में, इसे कमजोर करने के लिए उसके पूर्व अध्यक्ष आर. सी. पी. सिंह के साथ मिलकर काम किया. 
जद (यू) के अध्यक्ष ललन सिंह ने शाह पर हमला बोलते हुए कहा कि अगले लोकसभा चुनावों में भाजपा की हार सुनिश्चित कर 2024 में भाजपा मुक्त भारत के केंद्र में बिहार होगा. सिंह ने तंजिया लहजे में कहा कि गृह मंत्री ने भ्रष्टाचार को फिर से परिभाषित किया है, क्योंकि लोग भाजपा में शामिल होने के बाद बेदाग हो जाते हैं, जबकि विपक्ष के लोग भ्रष्ट होते हैं और उन्हें केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा निशाना बनाया जाता है.


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