Pappu Yadav On Bihar Hocch Tragedy: बिहार में जहरीली शराब पीने की वजह से पिछले तीन दिनों में 37 लोगों की मौत हो गई, जबकि 7 लोगों की आखों की रौशनी हमेशा के लिए चली गई. वहीं, 25 से ज्यादा लोग हॉस्पिटल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं.  प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता इसे लेकर एक दूसरे पर हमलावर हैं. दोनों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. इस बीच, पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने शनिवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के नेताओं पर निशाना साधा और बिहार में जहरीली शराब पर लगाम कैसे लगाया जाए इसके तरीके भी उन्होंने बताए.


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लोकसभा सदस्य पप्‍पू यादव ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि अगर बिहार सरकार का शराबबंदी कानून फेल हो रहा है, तो इसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं है. मेरा सवाल सिर्फ बिहार में जहरीली शराब पीकर मर रहे गरीब लोगों से जुड़ा हुआ है. सरकार इसे रोकने के लिए अलग से कोई प्रोविजन क्यों नहीं लाती? जहरीली शराब पीने से लोग पहले भी मरते थे और आज भी मर रहे हैं. पूरे भारत में जहरीली शराब पीकर लोग मर रहे हैं. जब बिहार में शराबबंदी नहीं थी, तब भी लोग जहरीली शराब पीकर मर रहे थे. बॉर्डर बंद करने से जहरीली शराब की बिक्री नहीं रुकने वाली है. क्योंकि जहरीली शराब बनाने वाले लोग बिहार के ही हैं. इसे बनाने वाले और बेचने वाले दोनों ही प्रदेश के ही हैं.


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पप्पू यादव ने जहरीली शराब पर लगाम लगाने के लिए बताए ये तरीके
चार बार के सांसद ने कहा कि हमने सरकार से जहरीली शराब पर लगाम लगाने के लिए कई बार कहा है कि वे केरल और तमिलनाडु की तरह कानून क्यों नहीं लातेय इस पर कानून बनाया जाए और जो भी लोग इसमें शामिल हैं, उन्हें कानून के तहत उम्र कैद की सजा दी जाए.


एसपी के खिलाफ हो जांच: सांसद
जिस इलाके से जहरीली शराब के मामले आ रहे हैं, उस इलाके के पूरे थाने को बर्खास्त किया जाए और डीएसपी, एसपी के खिलाफ जांच कराई जाए. जब ​​तक इन लोगों पर जांच चलेगी, तब तक इन्हें पदोन्नति नहीं दिया जाए. वहां के वार्ड मेंबर, मुखिया और पंचायत सदस्य की सदस्यता खत्म की जाए. इस पर कब कोई कानून लाया जाएगा?


DM-SP सामने बैठकर जलावते हैं शव: पप्पू यादव
पूर्णिया सांसद ने अपोजिशन पर निशाना साधते हुए कहा कि जब साल 2022 में बिहार में उनकी सरकार थी, तब भी छपरा और सीवान जिले में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौतें हुई थीं. उस वक्त भी मैंने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का काम किया था. आज फिर से सीवान से ही मामले सामने आ रहे हैं. जब राज्य में कोई परेशानी और आपदा आती है, तो मौजूदा सरकार के नेता और विपक्ष के लोग भाग खड़े होते हैं. हाल ही में पूरे बिहार में जहरीली शराब पीने से 113 लोगों की जान चली गई. जिले के DM और SP ने सामने बैठकर सभी डेड बॉडी को जलवा दिया. उसके बाद भी ये लोग कहते हैं, "जो पीएगा, वह मरेगा ही."


70 फीसदी टैक्स लगाने की जरूरत: पप्पू यादव
उन्होंने कहा कि कौन नेता शराब सेवन नहीं करता. भारत के सभी नेता विदेश जाकर शराब पीते हैं. इस बारे में कौन जानता है? जितने भी लीडर शराब नहीं पीते हैं, उनका DNA टेस्ट होना चाहिए. ये लोग सिर्फ गरीब जनता को गाली देते हैं और कहते हैं कि अगर वो पीएगा तो मरेगा ही. ऐसे बयान देने वाले ये नेता क्यों नहीं मरते? बिहार में सिर्फ शराब बैन करने से इस तरह की घटनाएं नहीं रुकेगी, नीति बदलने की जरूरत है. और इसकी शुरुआत शराब पर 70 फीसदी टैक्स लगाने से करें, ताकि आम लोग शराब से दूर रहें. सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप से कोई बदलाव नहीं होने वाला है.