Rahul Gandhi: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और लोक सभा सांसद राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में मुजरिम करार दिया गया है. राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि मामले में अदालत ने 2 साल की सज़ा सुनाई है. हालांकि उन्हें अब जमानत भी मिल गई है. लेकिन अदालत के इस फैसले के साथ ही उनकी सदस्यता पर तलवार लट गई है. क्योंकि किसी सांसद या एमलए को 2 साल की सज़ा होने पर उसकी सदस्यता रद्द की हो सकती है. इससे पहले सपा के दिग्गज आजम खान के साथ कुछ ऐसा ही हुआ था. 


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सूरत की एक अदालत ने "मोदी उपनाम" संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें गुरुवाक को दोषी करार दिया. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा की अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा (आईपीसी) 504 के तहत गांधी को मुजरिम करार दिया, जो शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने से संबंधित है.


फैसला सुनाए जाते समय राहुल गांधी अदालत में मौजूद थे. वह आज सुबह सूरत पहुंचे. राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था, ‘‘क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?’’ राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और विधायक व गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी. 


वायनाड से लोकसभा सदस्य गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा की अदालत ने पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की दलीलों की अंतिम सुनवाई की थी और फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी.


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