ब्रिटेन में दिए बयान पर भाजपा मांग रही थी राहुल से माफ़ी; उलटे कांग्रेस नेता ने खेल दिया विक्टिम कार्ड
राहुल गांधी लंदन से लौटने के बाद संसद पहुंचे. सत्ता पक्ष उनसे लंदन भारत के ताल्लुक से की गई टिप्पणी पर मांफी की मांग कर रहे हैं जबिक राहुल गांधी का कहना है कि अडाणी समूह के मामले को दबाने के लिए उन्हें सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ब्रिटेन में दिए अपने एक बयान को लेकर संसद में चल रहे गतिरोध पर बृहस्पतिवार को कहा कि उनके खिलाफ सरकार के चार मंत्रियों ने आरोप लगाए गए हैं, इसलिए उन्हें लोकसभा में अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए. उन्होंने यह दावा भी किया कि अडाणी समूह से जुड़े मामले से ध्यान भटकाने के लिए सरकार की ओर से संसद में पूरा तमाशा खड़ा किया गया है.
अडाणी मामले पर सवालों से डरी है सरकार
कांग्रेस नेता ने यह अंदेशा भी जताया कि शायद लोकसभा में उन्हें बोलने नहीं दिया जाए क्योंकि सरकार अडाणी समूह के मामले पर उनके सवालों से डरी हुई है. राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी मुलाकात की और उनसे सदन में अपनी बात रखने की अनुमति देने का आग्रह किया. उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, "आज मैं संसद गया और लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि मैं संसद में बोलना चाहता हूं, सरकार के चार मंत्रियों ने मेरे ऊपर आरोप लगाये हैं तो मेरा हक है कि मैं सदन में अपनी बात रखूं."
अडाणी और PM के रिश्ते पर पूछे सवाल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का कहना था, ‘‘मुझे नहीं लगता कि बोलने दिया जाएगा. फिर भी मैं आशा करता हूं कि कल मुझे बोलने का मौका मिलेगा.’’ उन्होंने दावा किया कि जब वह संसद पहुंचे थे तो आज एक मिनट के अंदर सदन को स्थगित कर दिया गया. राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैंने संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और अडाणी जी के रिश्ते के बारे में सवाल पूछे थे. उस भाषण को पूरी तरह कार्यवाही से हटा दिया गया.’’
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राहुल संसद में रखना चाहते हैं अपनी राय
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘यह पूरा मामला (गतिरोध) ध्यान भटकाने का है. सरकार और प्रधानमंत्री, अडाणी जी के मुद्दे से डरे हुए हैं. इसलिए उन्होंने पूरा तमाशा खड़ा किया है. ऐसा लगता है कि वो मुझे संसद में नहीं बोलने देंगे.’’ राहुल गांधी ने संसद में उठाए सवालों को फिर से सामने रखा और कहा, ‘‘मुख्य मुद्दा है कि नरेंद्र मोदी जी और अडाणी जी के बीच का क्या रिश्ता है?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री उनके सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे हैं. कांग्रेस नेता ने इस संक्षिप्त प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘मैं एक सांसद हूं, इसलिए पहले संसद में अपनी बात रखना चाहता हूं. आप
लोगों (मीडिया) से बाद में विस्तृत बातचीत होगी.’’
लंदन से लौटने के बाद संसद में राहुल
इससे पहले, राहुल गांधी ने कहा था कि उन्होंने भारत या भारतीय संसद के खिलाफ कुछ नहीं कहा है और यदि उन्हें संसद में बोलने की इजाजत मिलेगी तो वह इस बारे में अपना पक्ष रखेंगे. राहुल गांधी बुधवार को लंदन से स्वदेश लौटने के बाद बजट सत्र के दूसरे चरण में बृहस्पतिवार को पहली बार संसद पहुंचे.
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे पर ‘‘बर्बर हमला’’ हो रहा है. उन्होंने अफसोस जताया था कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस पर ध्यान देने में नाकाम रहे हैं. राहुल ने अपने व्याख्यान में यह आरोप भी लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं. संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से ही सत्ता पक्ष के सदस्य लंदन में राहुल गांधी द्वारा भारतीय लोकतंत्र के संबंध में की गई टिप्पणी को लेकर उनसे माफी की मांग कर रहे हैं.
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