कोटाः राजस्थान में रिश्ते के एक भाई के दुष्कर्म की शिकार एक नाबालिग ने स्कूल के शौचालय में बच्ची को जन्म दिया. इसके बाद वह डर के मारे बच्चे को एक खाली प्लॉट में फेककर वहां से भाग गई. हालांकि इस घटना के बाद रिश्ते की बहन का 11 महीनों तक यौन उत्पीड़न करने वाले मुल्जिम 21 वर्षीय युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है. नवजात बच्ची को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है. दुष्कर्म पीड़ित लड़की का इलाज चल रहा है और उसकी हालत में सुधार हो रहा है.

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आरोपी लड़की के रिश्ते में लगता है भाई 
बूंदी के पुलिस अधीक्षक जय यादव ने बताया कि शनिवार की सुबह नवजात बच्ची के मिलने के चार-पांच घंटे के अंदर ही पुलिस ने नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता और बच्ची की मां का पता लगा लिया था. उन्होंने कहा कि मुल्जिम और नाबालिग लड़की रिश्ते में भाई-बहन लगते हैं. आरोपी पिछले 10-11 महीनों से उससे दुष्कर्म कर रहा था. नाबालिग लड़की अपनी दादी के घर अक्सर जाया करती थी और मुल्जिम भी उसी गांव में रहता था. वह दादी के साथ कुछ दिनों तक रहती और इस दौरान मौका पाकर मुल्ज्मि उससे दुष्कर्म करता रहा, जिसकी वजह से नाबालिग गर्भवती हो गई.

लड़की के माता-पिता की भूमिका संदिग्ध 
नाबालिग ने बूंदी शहर में एक निजी स्कूल के शौचालय में शनिवार की सुबह एक बच्ची को जन्म दिया. लेकिन बाद में वह डर के मारे नवजात बच्ची को एक खाली प्लॉट में छोड़ गई. यादव ने कहा कि इस मामले में दुष्कर्म पीड़िता के माता-पिता की भूमिका भी जांच के घेरे में है. उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले ही भारतीय दंड संहिता की धारा 315 (बच्चे को जीवित जन्म लेने से रोकने की मंशा से किया गया कृत्य) के तहत भी मामला दर्ज कर लिया गया है. कोटा स्थित जे के लोन अस्पताल के आशुतोष शर्मा ने कहा, ‘‘नवजात को यहां शनिवार को लाया गया तो वह गंभीर हाइपोथर्मिया और सेप्सिस से ग्रस्त थी. उसके शरीर पर खरोंच के निशान थे. फिलहाल नवजात को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रख गया है और उसके लिए अगले 48 घंटे बेहद अहम हैं.’’ बूंदी सदर पुलिस थाने के सीओ अरविंद भारद्वाज ने कहा, ’’15 वर्षीय पीड़िता की तरफ से शनिवार को दिए गए बयान के आधार पर पुलिस ने धारा 376 और पॉक्सो कानून के तहत 21 वर्षीय युवक के खिलाफ मामला दर्ज किया है. आरोपी युवक अभी फरार है.


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