Rajasthan crisis: बगावती तेवर दिखाने वाले गहलोत गुट के विधायकों को नोटिस; कार्रवाई की सिफारिश
Rajasthan Political crisis: राजस्थान में कांग्रेस सरकार के नेतृत्व परिवर्तन को लेकर मचे गुटबाजी के बाद पर्यवेक्षक अजय माकन की रिपोर्ट के बाद आलाकमान ने बगावती तेवर अपने वाले विधायकों के गुट के तीन नेताओं नोटिस जारी कर 10 दिनों में जवाब मांगा है.
नई दिल्लीः राजस्थान कांग्रेस में उठे बवाल के बीच कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौर समेत तीन विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है. माकन ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट में तीन विधायकों की तरफ से इस पूरे मामले में “गंभीर अनुशासनहीनता“ की सूचना दी है. पार्टी ने मंगलवार को ही तीनों विधायकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया है.
गहलोत गुट के शांति धारीवाल की अगुवाई में विधायकों ने दिया था इस्तीफा
गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष के पास बैठक के लिए जाने से पहले ही शहरी विकास और आवास विकास और संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने अपने आवास पर अशोक गहलोत खेमे के विधायकों की बैठक बुलाई थी और कथित तौर पर यह सुनिश्चित करने के लिए रणनीति बनाई थी कि गहलोत मुख्यमंत्री बने रहें. पहले से तयशुदा प्रोग्राम के तहत कांग्रेस विधायक दल की आधिकारिक बैठक इतवार की शाम 7 बजे जयपुर में मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन उससे पहले गहलोत के वफादार धारीवाल के आवास पर जमा हो गए, जहां से वे स्पीकर सी.पी. जोशी के आवास पर जाकर सामूहिक रूप से उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा दिया था. ये विधायक चाहते थे कि किसी भी कीमत पर सचिन पायलट ये उनके गुट के किसी विधायक को मुख्यमंत्री का पद न दिया जाए.
नोटिस में क्या लिखा है ?
धारीवाल को संबोधित कारण बताओ नोटिस में लिखा है, ’’आपने अपने आवास पर समानांतर विधायकों की बैठक आयोजित करके गंभीर अनुशासनहीनता का परिचय दिया है. विधायकों पर आधिकारिक बैठक में शामिल नहीं होने का दबाव डाला. संसदीय कार्य मंत्री के रूप में, अनौपचारिक बैठक की मेजबानी करने से कांग्रेस विधायक भ्रमित हो गए, जिसे आधिकारिक तौर पर बुलाया गया था. इससे विधायकों ने बगावती तेवर का प्रदर्शन किया.“
नोटिस में 10 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है. इससे पहले माकन ने सोनिया गांधी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया था कि धारीवाल की कार्रवाई तब भी हुई जब पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और माकन ने बार-बार स्पष्ट किया कि वे प्रत्येक विधायक से निजी तौर पर बात करने आए हैं और निष्पक्ष रूप से कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट करते हैं.
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