जयपुरः राजस्थान से भाजपा समर्थित राज्यसभा के निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. सुभाष चंद्रा ने मंगलवार को एक प्रेसवार्ता में 10 जून को होने वाले चुनाव में अपनी जीत का दावा किया है. उन्होंने कहा है कि हनुमान बेनीवाल ने मुझे अपना समर्थन दिया है. इनके अलावा 2 और विधायकों ने समर्थन देने का ऐलान किया है. वो भाजपा और कांग्रेस को समर्थन नहीं करेंगे. उनका समर्थन मुझे मिलने की संभावना है. 4 अन्य विधायकों ने भी समर्थन करने को कहा है. मुझे इनके अलावा भी अन्य विधायकों का समर्थन मिल रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर 8 अन्य विधायक क्रॉस वोटिंग करेंगे.
डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है मैं जीत हासिल करूंगा. मेरी पूरी कोशिश आपकी आवाज राज्यसभा में उठाने की रहेगी. राजस्थान के लिए हर मुमकिन काम करूंगा. हरियाणा से सदस्य रहते हुए लोगों ने मेरा काम देखा है. जिस गाँव को मैंने अडॉप्ट किया, उसमें विकास से जुड़े विभिन्न काम हुए.

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पायलट के पास यह एक अवसर है 
डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा कि कहा- सचिन पायलट के पिताजी से मेरी अच्छी मित्रता रही है. पायलट के पास यह एक अवसर है. वो झुझारू और कर्मठ प्रकृति के व्यक्ति हैं. उनके पास यहीं एक बड़ा अवसर आया है. आज अगर यह अवसर चुका तो 2028 तक उनके पास मुख्यमंत्री बनने का अवसर नहीं है. डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा कि जो पिछले दिनों तक जो सरकार को कोस रहे थे, अब जहाज की सवारी कर रहे हैं. ऐसे में कौन हॉर्स ट्रेडिंग कर रहा है साफ है.जिस प्रकार का रोष और नाराजगी कांग्रेस पार्टी के विधायकों में है, उससे विश्वास दिलाया की 11 सदस्य जुटाना मुश्किल नहीं है. 

आरएलपी के हैं तीन विधायक 
उधर, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने सोमवार रात को घोषणा की कि उसके तीनों विधायक निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को वोट देंगे. आरएलपी के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोमवार रात ट्वीट कर इसकी घोषणा की. उल्लेखनीय है कि आरएलपी केंद्र में सत्तारूढ़ राजग का घटक थी लेकिन बेनीवाल ने दिसंबर 2020 में कृषि कानूनों के विरोध के मुद्दे पर गठबंधन छोड़ दिया था. बेनीवाल अपनी पार्टी के इकलौते सांसद हैं.राज्य में कांग्रेस ने तीन और भाजपा ने एक प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. भाजपा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने वाले मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा का समर्थन किया है. 

विधानसभा में दलीय स्थिति 
संख्या बल के हिसाब से राजस्थान की 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस अपने 108 विधायकों के साथ दो सीटें व भाजपा 71 विधायकों के साथ एक सीट आराम से जीत सकती है. दो सीटों के बाद कांग्रेस के पास 26 अधिशेष व भाजपा के पास 30 अधिशेष वोट होंगे. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उनके पास कुल मिलाकर 126 विधायकों का समर्थन है. वहीं, भाजपा के 30 अधिशेष व आरएलपी के तीन (कुल 33) मत निर्दलीय डॉ. चंद्रा के पास हैं. उन्हें जीतने के लिए 41 मत चाहिए जिनसे वे आठ मत दूर हैं.


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