Rakesh Jhunjhunwala Death: शेयर मार्केट के बेताज बादशाह कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला अब इस दुनिया में नहीं रहे. उन्होंने रविवार की सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर आखिरी सांस ली. राकेश झुनझनवाला का मुंबई के ब्रीच कैंडी में इलाज चल रहा था. यहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मुर्दा घोषित कर दिया. झुनझुनवाला ने हाल ही में अकासा एयर' नाम से एयरलाइन का आगाज़ किया था. बता दें कि झुनझुनवाला ने कारोबारी आदित्य घोष और विनय दुबे के साथ मिलकर 'अकासा एयर' एयर लाइंस की शुरुआत की थी. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई हस्तियों ने दुख का इज़हार किया है. 


राकेश झुनझुनवाला परिवार


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

झुनझनवाला अपने पीछे पत्नी तीन बच्चे छोड़ गए हैं. जिनमें एक उनकी बेटी है और दो बेटे हैं. झुनझुनवाला की पत्नी का नाम रेखा झुनझुनवाला, बेटी निश्था झुनझुनवाला, बेटा आर्यमन झुनझनवाला, दूसरा बेटा आर्यवीर झुनझुनवाला. राकेश झुनझुनवाला का जन्म साल 1960 में हुआ था. उनकी एजुकेशन की बात करें तो वो चार्टड अकाउंटेंट थे. उन्होंने महज़ 5 रुपये से इन्वेस्टमेंट की शुरुआत की थी और फिलहाल उनकी नेटवर्थ 43 हजार करोड़ रुपये है. 


यह भी देखिए:
राज़! पंडित नेहरू नहीं, ये मुस्लिम नेता थे भारत के पहले 'प्रधानमंत्री! 1915 में ही बनाई थी सरकार


पहली बार खरीदे थे टाटा टी के शेयर


बिग बुल कहे जाने वाले राकेश झुनझनवाला की कहानी बहुत बड़ा सबक सिखाने वाली है. उन्होंने महज़ 5 हजार रुपये के इन्वेस्टमेंट से शुरुआत की थी. जो उनके जाने तक 43 हजार करोड़ बन चुका था. उन्होंने सबसे पहले टाटा टी के 5 हजार रुपये के शेयर खरीदे थे. खरीदने के 3 महीने बाद उन्होंने 143 रुपये में शेयर बेच दिए थे. जबकि उन्होंने महज़ 43 रुपये का एक शेयर खरीदा था. 


यह भी देखिए:
महज़ दो हफ्तों में सूर्यकुमार यादव ने खर्च किए 6 करोड़ रुपये, खुद ही को दिए दो गिफ्ट


इन कंपनियों में झुनझुनवाला का निवेश


झुनझुनवाला ने यूं तो कई कंपनियों में निवेश किया है. सबसे ज्यादा उन्होंने टाइटन, इसके बाद स्टार हेल्थ, मेट्रो ब्रांड, टाटा मोटर्स, क्रिसिल जैसी कंपनियों में निवेश किया है. टाइटन में इनवेस्टमेंट करने के बाद उन्होंने साल 2017 में सिर्फ एक दिन में 900 करोड़ रुपये कमाए थे. झुनझनवाला कहते थे कि जब लोग आपकी तारीफ कर रहे हों तो तब आपको सावधान रहना चाहिए. क्योंकि सबसे बड़ी गलतियां तभी होती हैं जब आपका अच्छा समय चल रहा होता है. 




Azadi ka Amrit Mahotsav: वह मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानी जिसने नेताजी से मिलने के बाद दिया "जय हिंद" का नारा