ATS in Ayodhya: अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारी ज़ोरो पर चल रही है. देश भर के अलग-अलग इलाकों से लोग 22 जनवरी को अयोध्या आएंगे, जिसके चलते उत्तर प्रदेश प्रशासन कई तरह की तैयारी कर रहा है. प्राण प्रतिष्ठा से ठीक 4 दिन बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस भी है. ऐसे में कई शरपसंद लोग प्रदेश की शांति भंग करने की कोशिश कर सकते हैं. उससे निपटने के लिए आयोध्या की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा है, और अब ATS कमांडो की भी अयोध्या में तैनाती की गई है. 


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ATS कमांडो की कब होती है तैनाती 
UP पुलिस की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, प्रदेश की सरकार ने 2007 में एंटी-टेरर स्क्वाड का गठन किया था. इसकी स्थापना का मक़सद राज्य के अंदर किसी भी टेरर एक्टिविटी से निपटना था. उत्तर प्रदेश में ATS 2007 से ही काम कर रही है, ये UP पुलिस की हाई-लेवल फोर्स है. जो आमतौर पर ऐसी जगहों पर तैनात की जाती है, जहा आतंकी साजिश की आहट होती है. इसके अलावा ATS VVIP के किसी प्रोग्राम में भी सुरक्षा का बेड़ा उठाती है.  उत्तर प्रदेश में माफ़ियाओं और गुंडो के खिलाफ़ भी UP सरकार ने कई बार ATS का इस्तेमाल किया है. 


कैसे बनते है ATS?
एक रिपोर्ट के मुताबिक ATS जवान बनने के लिए तीन एग्ज़ाम होते हैं, इनमें मेंटल एबिलिटी और टेक्निकल, फिजीकल कैपेसिटी, और जनरल नॉलेज टेस्ट शामिल है. इनको पास करने वाले जवानों को ATS की ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है. जवानों की ट्रेनिंग बेहद कड़े माहौल में होती है, कुछ लोग की माने तो कई जवान ट्रेनिंग पूरी भी नहीं कर पाते हैं और बीच में ही वापस चले जाते हैं. इसके अलावा जवानों की रोटेशन के तहत भी ट्रेनिंग कराई जाती है. आपको बता दे ATS कमांडो बनने के लिए सरकार की तरफ से पीएसी और पुलिस के जवानों से अवेदन मांगे जाते हैं.