अयोध्याः सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान के बाद हिंदू संतों द्वारा मौर्य का सिर, जुबान और नाम काठकर लाने वालों को इनाम देने की घोषाण का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रही है. ऐसा लग रहा है कि मौर्य का सिर जबतक काटकर लाया नहीं जाएगा, साधू-संत इस तरह का ऐलान करना बंद नहीं करेंगे. वहीं दूसरी जानिब ऐसा लग रहा है कि मौर्य का सिर किसे शेयर बाजार में बिकने वाला शेयर हो गया है. सर काटने वालों के लिए इनाम की घोषणा भी रोज घटती-बढ़ती रहती है. सोमवार को अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने अब ऐलान किया है कि मौर्य का सिर काटकर लाने वालों को 21 लाख का इनाम दिया जाएगा. 
गौरतलब है कि इससे पहले तपस्वी छावनी के परमहंस दास ने मौर्य का सिर काटने वाले को 500 रुपये इनाम देने की घोषणा की थी. इससे पहले सिर काटने पर 10 करोड़, 1 करोड़ इनाम की घोषणा की जा चुकी है. 


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मौर्य ने कहा अपने स्टैंड पर कायम रहूंगा 
गौरतलब है कि पूर्व मंत्री और सपा नेता मौर्य ने हाल ही में यह इल्जाम लगाकर विवाद खड़ा कर दिया था कि रामचरितमानस के कुछ छंदों ने समाज के एक वर्ग का अपमान किया है. इस दौरान मौर्य ने कहा, "धर्म के नाम पर आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को अपमानित करने की साजिशों का मैं विरोध करता रहूंगा. जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी बेफिक्र रहता है और अपना रास्ता नहीं बदलता, मैं भी अपनी राह नहीं बदलूंगा." उन (आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और महिलाओं) के लिए सम्मान पाने की दिशा में रुख."

धमकी देने वाले संत नहीं जल्लाद हैंः मौर्य 
इससे पहले मौर्य ने कहा था, "जिन लोगों ने मेरी गर्दन और जीभ काटने की धमकी दी थी, वे संत थे या एक खास जाति से संबंध रखते थे. अगर यही धमकी किसी दूसरे धर्म के लोगों द्वारा की गई होती, तो उन्हें अबतक आतंकवादी करार दे दिया जाता. क्या मेरी जीभ और गर्दन काटने की धमकी देने वाले संत आतंकवादी शैतान और जल्लाद नहीं हैं? अगर वे वास्तव में उस धर्म में विश्वास करते, जिसका वे समर्थन करने का दावा करते हैं, तो वे ऐसी बातें नहीं कह सकते थे."   


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रामचरितमानस के पन्ने जलाने पर 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
वहीं, लखनऊ पुलिस ने इतवार को शहर के वृंदावन क्षेत्र में कथित रूप से रामचरितमानस के पेज की फोटोकॉपी जलाने के बाद 10 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. हालांकि, पुलिस ने कहा है कि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. 
गौरतलब है कि भाजपा नेता द्वारा दायर की गई शिकायत के मुताबिक, अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ने समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में रामचरितमानस में कथित तौर पर “महिलाओं और दलितों पर आपत्तिजनक टिप्पणी“ वाले पृष्ठों की “फोटोकॉपी“ जलाई थी. 


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