नई दिल्लीः पाक रमजान माह गुरुवार से शुरू हो गया है. रमजान माह के रोजे रखना हर बालिग मुसलमान मर्द और औरत पर फर्ज है. यानी यह कोई स्वेच्छि मामला नहीं है. अगर कोई मुसलमान दीन-धर्म को फॉलो करता है, तो उसके लिए रमजान के रोजे रखना अनिवार्य है. हालांकि, बीमारी या अत्यंत बुढ़ापा, कमजोरी और महिलाओं के कुछ विशेष हालाता में रोजा छोड़ने का भी विकल्प रखा गया है. वह इसे बाद में पूरा कर सकती/सकते हैं. विशेष परिस्थितियों में रोजा न रखने की सूरत में इसका कुछ विकल्प भी बताया गया है.  
यहां हम उन बातों का जिक्र करेंगे, जिनसे रोजा नहीं टूटता है. यानी वो परिस्थितियां जिनके अपने आप हो जाने या जानबूझकर ऐसा करने से भी रोजे नहीं टूटते हैं या रोजे में कोई कमी नहीं होती है.  


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1. अगर रोज़ेदार को ये याद न रहे कि उसने रोजा रखा है और भूल कर कुछ खा-पी ले तो उसका रोजा नहीं टूटेगा.
2. भूल कर अगर एक ही दिन में एक या ज्यादा बार खा-पी ले तो भी रोजा नहीं टूटेगा. 
3. भूलकर अगर कोई थोड़ा खाए या पूरा भर पेट खा ले, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है, उसका रोजा नहीं टूटेगा.
4. दिन में सोने के बाद अगर किसी को स्वपदोष हो जाए, तो इससे रोजा नहीं टूटता है.
5. रोजे के दौरान दिन में आंखों में सूरमा, बालों में तेल और खुशबू लगाने से रोजा नहीं टूटता है. 
6. मुंह के अंदर अपने आप मक्खी या मच्छर चले जाने से भी रोजा नहीं टूटता है. 
7. मुंह में निकलने वाले थूक को निगलने से रोजा नहीं टूटता है. 
8. स्त्री-पुरुष का आपस में प्रेम करना, एक दूसरे को छूने और हग करने से रोजा नहीं टूटता है.  
9. रात में नहाने की जरूरत हो गई, लेकिन सुबह दो पहर तक भी अगर नहीं नहाया गया तो भी नापाकी की हालत में रोजा हो जाएगा, लेकिन ऐसा करना गुनाह है. 
10.  अगर अपने-आप उल्टी हो गई तो रोजा नहीं टूटेगा. 
11. किसी को एसिडीटी की वजह से अगर खट्टी डकारें आ रही हो, तो भी रोजा नहीं टूटेगा.
12. अगर जबान से कोई चीज चखकर थूक दिया तो रोजा नहीं टूटेगा, लेकिन बिला वजह ऐसा करने से परहेज करना चाहिए. 
13.  रोजे के दौरान दतमन / मिशवाक करने से रोजा नहीं टूटता है, लेकिन ब्रश में कोई पेस्ट या मंजन लगाकर मिशवाक करने से रोजा अशुद्ध यानी मकरूह हो जाता है. 


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