Ravindra Kaushik Birthday: वह भारतीय जासूस जो शाकिर बनके बना रहा पाक आर्मी का मेजर; ऐसे हुई मौत
Ravindra Kaushik Birthday: रवींद्र कौशिक का आज जन्मदिन है. इस खास मौके पर हम आपको उनके बारे में बताने वाले हैं. कैसे वह RAW में गए, पाकिस्तान में एंट्री कैसे हुई है और फिर उनका निधन कैसे हो गया.
Ravindra Kaushik Birthday: भारत का एक ऐसा जासूस जिसने पाकिस्तान के होश फाख्ता कर दिए और पाक आर्मी का एक बड़ा अफसर बन गया. हम बात कर रहे हैं रॉ के जासूस रवींद्र कौशिक की. रवींद्र केवल 23 साल के थे जब वह पहली बार एक अंडरकवर ऑपरेशन पर गए. उनके बारे में आज भी मिसाले दी जाती गैं. कौशिक को भारत के बेहतरीन जासूसों में गिना जाता है, जो पाकिस्तान आर्मी के हाई रैंक ऑफिसर बन गया.
बचपन से ही था एक्टिंग का शौक
रवींद्र कौशिक को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था. वह किशोर आवस्था से ही थिएटर किया करते थे. यहीं से रॉ ने उन्हें स्पॉट किया, और फिर उनकी तैयारी शुरू की गई. रवींद्र कौशिक ने पाकिस्तान जाने से पहले उर्दू सीखी, मुस्लिम धर्म के बारे में ज्ञान हासिल किया और मुस्लिम धर्म से जुड़ी कई किताबें घोल के पी ली.
ऐसे हुई पाकिस्तान में एंट्री
वह पाकिस्तान में नबी अहमद शाकिर के नाम से दाखिल हुए. उनके पाक जाने से पहले भारत में सारे रिकॉर्ड्स मिटा दिए गए. उन्होंने कराची की यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई की और फिर पाकिस्तान आर्मी को ज्वाइन कर लिया और वह कमीशन ऑफिसर बन गए. जिसके बाद उन्हें मैजर की रैंक दे गई गई. पाकिस्तान में ही उन्होंने अमानत नाम की एक लड़की से शादी की और फिर उन्हें एक बच्ची हुई.
इंडियन आर्मी की काफी मदद की
1979 से 1983 तक वह पाकिस्तान की खूफिया जानकारी भारतीय डिफेंस फोर्स तक पहुंचाते रहे, जिससे भारत की काफी मदद हुई. भारत में रवींद्र कौशिक को दी ब्लैक टाइगर के नाम से पहचाना जाने लगा और डिफेंस फोर्स में वह काफी फेमस हो गए.
ऐसे पकड़े गए रवींद्र कैशिक
टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के अनुसार जब इनायत मसीहा को रॉ के जरिए पाकिस्तान उनसे मिलने के लिए भेजा गया. इस दौरान उनकी असली पचान पाकिस्तान फोर्सेज के सामने आ गई. 1983 में रवींद्र कौशिक के खिलाफ जांच बैठी और 1985 में कोर्ट ने उन्हें सजा-ए-मौत सुना दी. लेकिन बाद में उनकी सजा को उम्र कैद में बदल दिया गया.
2 साल तक कौशिक को किया गया टॉर्चर
आपको बता दें कौशिक को 2 साल तक टॉर्चर किया गया. वह सियालकोट की एक जेल में 16 साल तक रहे. नवंबर 2021 में कैशिक का टीबी और दिल की बीमारी से निधन हो गया. जिसके बाद उन्हें मुल्तान जेल के पिछले हिस्से में ही दफ्न कर दिया गया.