मुंबई: रिजर्व बैंक ने एक बार फिर आर्थिक ग्रोथ के मुकाबले महंगाई पर काबू पाने को प्राथमिकता दी है. RBI ने तत्काल प्रभाव से रेपो रेट 50 BPS बढ़ाकर 5.4% कर दिया. इसके साथ ही पिछले चार महीने में रेपो रेट 1.40 फीसदी बढ़ चुकी है. अब इसका असर लोगों के होम लोन (Home Loan) से लेकर पर्सनल लोन (Personal Loan) तक की ईएमआई (EMI) पर भी नजर आएगा. इससे कर्ज की मासिक किस्त बढ़ेगी. साथ ही मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देने का भी निर्णय किया है.


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मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, 'एमपीसी ने आम सहमति से रेपो दर 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करने का निर्णय किया है. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ऊंची मुद्रास्फीति से जूझ रही है और इसे नियंत्रण में लाना जरूरी है. दास ने कहा, 'मौद्रिक नीति समिति ने मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देने का भी फैसला किया है.' आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है. साथ ही केंद्रीय बैंक ने खुदरा महंगाई दर चालू वित्त वर्ष में 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा है.


दरअसल मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी)  ये बैठक पहले सोमवार से बुधवार तक होनी थी, लेकिन कुछ वहजों से इसे टाल दिया गया था. वहीं रिजर्व बैंक ने मंहगाई पर काबू पाने के लिए इस साल मई महीने से रेपो रेट को बढ़ाने का शुरुआत की थी. रिजर्व बैंक ने मई महीने में मौद्रिक नीति समिति की आपात बैठक (RBI MPC Meeting) बुलाई थी. महंगाई बेहिसाब बढ़ जाने के कारण रिजर्व बैंक को ऐसा करना पड़ा थ.


आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ये भी कहा है कि दुनिया भर में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है. भारत में भी महंगाई आसमान छू रही है. उन्होंने कहा कि जून लगातार ऐसा महीना रहा, जब देश में खुदरा महंगाई रिजर्व बैंक अपर लिमिट से ज्यादा रही.


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