Raghuram Rajan on Minorities: रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) अपने कार्यकाल से ही काफी मुखर रहे हैं. एक बार फिर उन्होंने बहुत ही मुखरता से अपनी बात रखी है. उन्होंने शनिवार को कहा है कि "अगर अल्पसंख्यकों को देश के सेकंड क्लास सिटिजन बनाने की कोशिश होगी तो देश के भीतर दरार पैदा होगी." 


एक प्रोग्राम में रखी अपनी राय


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रघुराम राजन ने ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस (AIPC) की तरफ से आयोजित एक प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कहा कि "अगर देश में ऐसे हालात पैदा होते हैं तो विदेशी दखल बढ़ेगा. इससे भारत कमजोर होगा." यह प्रोग्राम छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित हुआ.


श्रीलंका जैसे हो जाएंगे हालात


रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने अपनी बात को समझाने के लिए श्रीलंका का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि "अगर देश में रोजगार पैदा नहीं होगा और अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न किया जाता है तो हालत श्रीलंका जैसी हो जाएगी. ऐसे हालात के नतीजे कभी अच्छे नहीं होते हैं." 


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लोकतंत्र का लिबरल होना जरूरी


राजन ने कहा कि "आर्थिक तरक्की के लिए लोकतंत्र का लिबरल होना जरूरी है. डेमोक्रेस और इंस्टीट्यूशन जितना मजबूत होगा, देश की उतनी ज्यादा तरक्की होगी." उन्होंने कहा कि "हर धर्म का सार हर किसी में अच्छाई तलाशना है." उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि "देश को सत्तावादी नेतृत्व की जरूरत नहीं है. यह डेवलपमेंट का पुराना मॉडल है जिसमें गुड्स एंड कैपिटल पर फोकस किया जाता है. हालांकि, फोकस लोगों पर और आइडिया पर होना चाहिए."


भारत के हालात रहेंगे बेहतर


हालांकि राजन ने कहा है कि "भारत में पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे संकट की कोई गुंजाइश नहीं है." उन्होंने कहा कि "भारत में आने वाले समय में महंगाई का दबाव और घटेगा और दुनियाभर के संकेतों को देखते हुए भारत में खाद्य महंगाई और नीचे आएगी."


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