दाहोद (गुजरात)ः साल 2002 में गुजरात दंगों के दौरान बिल्कीस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषियों में से शैलेश भट्ट नाम के शख्स को राज्य के दाहोद जिले के लिमखेड़ा में एक सरकारी कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी सांसद जसवंत भाभोर और उनके विधायक भाई शैलेश भाभोर के साथ मंच साझा करते हुए पाया गया है. गुजरात सरकार की छूट नीति के तहत उसे पिछले साल कई अन्य दोषियों के साथ रिहा रिहा किया गया था. शैलेश भट्ट की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. 
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने बिल्कीस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में रिहा किए गए मुजरिमों के सवाल पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गई है और इसके लिए एक पैनल का गठन करने के िदेश दिए हैं. 

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विधायक ने खुद तस्वीर किया था साझा 
विधायक शैलेश भाभोर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक तस्वीर पोस्ट की थी जिसमें, भट्ट को लाल घेरे के अंदर देखा जा सकता है. उस तस्वीर के साथ भाभोर ने करीब 101.89 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली कडाना बांध पाइपलाइन परियोजना की नींव रखने के कार्यक्रम का भी जिक्र किया है. दाहोद जिला सूचना विभाग द्वारा जारी एक तस्वीर में भी मुजरिम भट्ट को आदिवासी मामलों के पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री जसवंत भाभोर के बगल में खड़ा देखा जा सकता है.

शैलेश भट्ट ने कहा कि वज पूजा करने गया था 
वहीं, दोषी शैलेश भट्ट से जब भाजपा नेता और सरकार प्रोग्राम का मंच साझा करने पर सवाल किया गया तो उसने कहा कि वह वहां पूजा के लिए गया था, लेकिन उसने इस संबंध में ज्यादा जानकारी देने से इंकार कर दिया. 

गुजरात सरकार ने दोषियों को किया था रिहा 
गौरतलब है कि वर्ष 2002 में गुजरात में हुए दंगे के वक्त बिल्कीस बानो के साथ दंगाइयों ने सामूहिक बलात्कार किया था और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अदालत ने 21 जनवरी 2008 को भट्ट सहित 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. सभी 11 दोषी गोधरा उप-कारागार में बंद थे, लेकिन पिछले साल 15 अगस्त को उन सब को सरकार ने रिहा कर दिया था. सरकार के इस कदम के लिए देशभर में गुजरात सरकार के इस कदम की आलोचना की गई है. इस मामले में गुजरात सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी गई है, जिसपर सुनवाई होने वाली है. 


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