नई दिल्लीः भारत ने समाज में गैर-बराबरी की खाई को पाटने में थोड़ी-बहुत तरक्की कर ली है. उसने दुनिया के 161 देशों की ‘असमानता सूचकांक में कमी लाने की नई प्रतिबद्धता’ (सीआरआईआई) में छह पायदान का सुधार कर 123 वां स्थाना हासिल कर लिया है. हालांकि, हेल्थ सेक्टर में सरकारी खर्चों के मामले में भारत सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देशों में की सूची में शीर्ष पर बना हुआ है. सीआरआईआई-2022 में कोविड-19 महामारी के दौरान दुनिया में असमानता कम करने के लिए 161 देशों की सरकारी नीतियों और कार्यों की समीक्षा की गई है. इस लिस्ट में नॉर्वे टॉप पर है और उसके बाद जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया का क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान है. ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहार ने कहा, ‘‘सीआरआईआई-2022 रिपोर्ट दिखाती है कि कोविड-19 के दौरान असमानता कम करने के मामले में भारत को आंशिक सफलता मिली है. 

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यूनतम वेतन के मामले में भी भारत का प्रदर्शन बेहद खराब 
भारत की रैंकिंग में साल 2020 के 129 स्थान के मुकाबले छह पायदान का सुधार हुआ है, और साल 2022 में उसे 123वां स्थाना मिला है. वहीं, असमानता कम करने के लिए प्रगतिशील खर्च के मामले में भारत ने 12 पायदानों का सुधार कर 129वां स्थान हासिल किया है. प्रगतिशील कर प्रणाली के मामले में भारत ने अपनी स्थिति तीन पायदान मजबूत कर 16वां स्थान हासिल किया है. न्यूनतम वेतन के मामले में भारत 73वें पायदान फिसल गया है, क्योंकि उसे उन देशों की लिस्ट में शामिल किया गया है, जहां पर राष्ट्रीय तौर पर न्यूनतम वेतन तय नहीं किया गया है. असमानता कम करने के लिए सरकारी खर्च के प्रभाव के मामले में भारत की रैंकिंग में 27 पायदानों का सुधार हुआ है, लेकिन ‘असमानता कम करने के लिए कर प्रणाली के प्रभाव’ के मामले में भारत ने 33 स्कोर का सुधार किया है. 

स्वास्थ्य पर भारत से ज्यादा खर्च करता है बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल 
ऑक्सफैम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत उन देशों में शामिल है, जिन्होंने फिर से स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्च में बहुत कम प्रदर्शन किया है. भारत की रैंकिंग में दो पायदान की गिरावट आई है और वह 157वें स्थान पर आ गया है. वह दुनिया के उन देशों में पांचवे स्थान पर है, जिनका प्रदर्शन इस क्षेत्र में सबसे खराब है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत स्वास्थ्य क्षेत्र में अपने कुल खर्चों का 3.64 फीसदी खर्च कर रहा है, जो ब्रिक्स (ब्राजील, चीन, भारत, दक्षिण अफ्रीका) देशों और पड़ोसी देशों में सबसे कम है खर्च है. चीन अपने खर्च का 10 प्रतिशत, ब्राजील 7.7 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका अपने खर्च का सबसे ज्यादा 12.6 फीसदी स्वास्थ्य पर खर्च करता है. इसी तरह पड़ोसी देशों में पाकिस्तान अपने खर्च का 4.3 फीसदी, बांग्लादेश 5.19 फीसदी, श्रीलंका 5.88 फीसदी और नेपाल 7.8 फीसदी जन स्वास्थ्य पर खर्च करता है. 


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