उपराष्ट्रपति ने राज्यसभा में RSS की तारीफ में पढ़े कसीदे, सुनकर गुस्से में लाल हुआ विपक्ष
Jagdeep Dhankhad on RSS: आज राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने RSS पर बयानबाजी करने के लिए भड़क गए. उन्होंने कहा कि RSS के लोग देश की सेवा कर रहे हैं. इस बात पर विपक्ष ने राज्यसभा से वाकआउट कर दिया.
Jagdeep Dhankhar on RSS: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने अपने एक अहम बयान में कहा है कि 'आरएसएस राष्ट्र की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है'. उन्होंने ये बात तब कही जब बुधवार, 31 जुलाई को समाजवादी पार्टी के सांसद लाल जी सुमन ने प्रश्नकाल के दौरान राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) में नियुक्तियों के बारे में बात करते हुए दक्षिणपंथी संगठन पर बयानबाजी की. सपा सांसद ने कहा, "किसी शख्स को नापने का कोई दूसरा मानदंड नहीं है; पहला मानदंड यह है कि वे RSS से संबंधित हैं या नहीं"
RSS के नाम पर भड़क गए धनखड़
धनखड़ ने इस बयानबाजी पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक के पास एक वैश्विक थिंक टैंक के साथ-साथ महाभियोग योग्य प्रतिबद्धता है. उन्होंने कहा, "RSS में ऐसे लोग शामिल हैं जो बिना अपने मतलब के राष्ट्र की सेवा करने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हैं. मैं आपको किसी ऐसे संगठन को अलग करने की अनुमति नहीं दूंगा जो राष्ट्रीय सेवा कर रहा हो." उन्होंने आगे कहा कि संविधान के तहत, RSS को राष्ट्रीय हित और विकास में योगदान देने का पूरा हक है.
विपकक्षी दलों का वाकआउट
धनखड़ ने कहा, "मैं यह नियम बनाता हूं कि RSS एक ऐसा संगठन है, जिसे इस देश की विकास यात्रा में भाग लेने का पूरा संवैधानिक अधिकार है." जब विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने खड़े होकर कहा कि राज्यसभा के सभापति तब तक आपत्ति नहीं कर सकते जब तक कि नियम का उल्लंघन न हो, तो धनखड़ ने पलटवार करते हुए कहा, "लेकिन यहां सदस्य भारत के संविधान को रौंद रहे हैं. मैं संगठन को अलग-थलग करने की इजाजत नहीं दूंगा. यह संविधान का उल्लंघन है." RSS पर धनखड़ के विचारों की निंदा करते हुए बहुजन समाज पार्टी और बीजू जनता दल सहित विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.
सरकारी कर्मचारी ले सकेंगे शाखा में हिस्सा
हाल ही में केंद्र सरकार ने इस बात की इजाजत दी कि अब सरकारी कर्मचारी आरएसएस की शाखा में भाग ले सकते हैं. सरकार ने RSS की शाखा में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने के 58 साल से लगे प्रतिबंध को हटा दिया है.