Sakshee Malikkh's Appeal: भारतीय कुश्ती महासंघ और पहलवानों के दरमियान विवाद खत्म होता नजर नहीं आ रहा है. पहलवान साक्षी मलिक ने इल्जाम लगाया है कि कुश्ती महासंघ से जुड़े लोग फर्जी कुश्ती करवा रहा हैं और सर्टिफिकेट बांट रहे हैं. पहलवान साक्षी मलिक ने इस ताल्लुक से सोशल मीडिया पर कई इल्जाम लगाए हैं. उन्होंने फर्जी कुश्ती कराए जाने को सरकारी धन की बर्बादी बताया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि इससे बच्चों का भविष्य बर्बाद होगा.


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बांटे जा रहे फर्जी सर्टिफिकेट
साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लिखा है कि "भारत सरकार ने बृजभूषण के साथी संजय सिंह की गतिविधियों को सस्पेंड कर दिया था, इसके बावजूद संजय सिंह अपनी मनमर्ज़ी चला नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप करवा रहा है और खिलाड़ियों को फ़र्ज़ी सर्टिफिकेट बांट रहा है, जोकि ग़ैर कानूनी है." 



संस्था के पैसे का दुरुपयोग
साक्षी ने आगे लिखा कि "खेल मंत्रालय की तरफ से आयोजित रेसलिंग नेशनल चैंपियनशिप जयपुर में आयोजित की जानी है, लेकिन उससे पहले ही कुश्ती पर अपना दबदबा साबित करने के लिए संजय सिंह ग़ैर कानूनी तरीक़े से अलग नेशनल चैंपियनशिप के सर्टिफिकेट दस्तखत कर बांट रहे हैं. संस्था का सस्पेंडेड आदमी कैसे संस्था के पैसे का दुरउपयोग कर सकता है."


खिलाड़ियों पर होगी कार्रवाई
साक्षी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि "कल जब खिलाड़ी इन सर्टिफिकेट को लेकर नौकरी मांगने जाएंगे तो कार्रवाही ग़रीब खिलाड़ियों पर होगी. जबकि खिलाड़ियों की कोई गलती नहीं है. कार्रवाही तो ऐसा फ्रॉड करने वाले संजय सिंह पर अभी से होनी चाहिए, जिसकी गतिविधियों पर रोक लगाये जाने के बावजूद यह सब फ़र्ज़ीवाडा कर रहा है. मैं खेलमंत्री अनुराग ठाकुर जी अपील करती हूं कि आप इस मसले को देखें और खिलाड़ियों का भविष्य खराब होने से बचाएं"


क्या है पूरा मामला?
ख्याल रहे कि भाजपा सांसद बृज भूषण के कुश्ती महासंघ के पद से हटाए जाने के बाद उनके साथी संजय सिंह को कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष चुना गया. इस पर साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने का ऐला कर दिया था. एक दूसरे खिलाड़ी बजरंग पूनिया ने संजय सिंह का विरोध करते हुए अपना पद्म श्री पुरस्कार पीएम आवास के पास फुटपाथ पर रख दिया. इसके बाद केंद्र सरकार ने भारतीय कुश्ती महासंघ की मौजूदा बॉडी को निरस्त कर दिया था.