सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर से कॉन्ट्रोवर्सियल बयान दिया. उन्होंने हिंदू मजहब को एक धोखा बताया है. उनके इस बयान से काफी बवाल मच गया. सत्ता पर काबिज पार्टी भाजपा उनके बयान से आग बबूला हो गई है. स्वामी प्रसाद ने कहा कि ब्राह्मणवाद की जड़ें काफी गहरी हैं और ब्राह्मण मजहब को ही हिंदू धर्म कहा जा रहा है. हिंदू धर्म दरअसल, पिछड़ों, आदिवासियों और दलितों को मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है. हिंदू अगर एक मजहब होता तो वहां दलितों और पिछड़ों की भी इज्जत होती. इनको अलग करने की वजह ब्राह्मणवाद ही है. हिंदू नाम का कोई मजहब है ही नहीं, हिंदू मजहब केवल धोखा है.


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ब्राहमणवाद पर दिया बयान


उन्होंने कहा कि सही मायने में जो ब्राह्मण मजहब है, उसी ब्राह्मण मजहब को हिंदू मजहब कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने मजहब के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है. अगर हिंदू मजहब होता तो आदिवासियों की भी इज्जत होती, दलितों की भी इज्जत होती, पिछड़ों की भी इज्जत होती, लेकिन क्या विडंबना है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया है.


राष्ट्रपति पर भी दिया बयान


इस दौरान सपा नेता ने पूर्व राष्ट्रपति पर भी बयानबाजी की है. उन्होंने कहा कि हम लोग भले ही पागल होकर हिंदू मजहब के लिए मरें पर ब्राह्मणवादी बंदोबस्त के चालाक लोग हमें आदिवासी मानते हैं. ऐसा ही व्यवहार भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ हुआ. दलित होने की वजह से उन्हें मंदिर में जाने से रोका गया. इसी तरह अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री पद से हटने पर मुख्यमंत्री आवास और कालिदास मार्ग को गौमूत्र से साफ किया गया था, क्योंकि वो पिछड़े समाज से आते हैं. उन्होंने कहा कि बाबा अंबेडकर और ज्योतिबा फुले जैसे लोगों ने एक लंबी लड़ाई लड़ी है, जिसका नतीजा है कि आज हजारों साल की गुलामी से निजात पाकर हम इज्जत और सेल्फ रिस्पेक्ट के रास्ते पर चल पड़े हैं. 


यूपी के उप मुख्यमंत्री ने दिया जवाब


सपा नेता स्वामी प्रसाद के विवादित बयान पर यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव के कहने पर इनके नेताओं के जहरीले बयान ही सपा को बनाएंगे समाप्तवादी पार्टी. सभी परेशानियों का इलाज प्रधानमंत्री मोदी जी के 'सबका साथ, सबका विकास' के महामंत्र से होगा. 


भाजपा प्रदेश तरजुमान ने दिया बयान


भाजपा के प्रदेश स्पीकर अवनीश त्यागी ने कहा कि स्वामी प्रसाद जानबूझकर ऐसे बयान देते हैं, जिससे समाज में रंजिश पैदा हो. सपा के लोग सिर्फ वोट बैंक को लेकर सियासत के लिए ऐसे जहर भरे बयान दे रहे हैं. इस तरह के बयान देकर केवल माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.


पहले भी की बयानबाजी


गौरतलब हो कि स्वामी प्रसाद लगातार कांट्रोवर्सियल बयान दे रहे हैं. इससे पहले उन्होंने रामचरित मानस को लेकर बयानबाजी की थी. उन्होंने कहा था कि रामचरित मानस से जो काबिले एतराज हिस्सा हैं, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी किताब को ही बैन कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस किताब में लिखा है कि ब्राह्मण भले ही बदतमीज, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन उसे काबिले एहतराम बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी जानने वाला, पढ़ा लिखा हो, उसकी इज्जत मत कीजिए. स्वामी प्रसाद मौर्य ने ये कहकर भी हलचल मचा दी थी कि बद्रीनाथ, केदारनाथ और जगन्नाथपुरी पहले बौद्ध मठ थे.