Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है. समाजवादी पार्टी के विधायकों और एमएलसी ने सत्र शुरू होने से पहले संभल हिंसा को लेकर विधानसभा परिसर के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. संभल के मुद्दे को लेकर योगी सरकार के मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि विपक्ष के पास नारेबाजी के अलावा कुछ नहीं है. न कोई रचनात्मक विचार, न कोई रचनात्मक कार्य, बस हंगामा और शोर मचाना इनका काम बन गया है. इसके अलावा इनके पास कुछ कहने के लिए नहीं है. सरकार पूरी तरह से तैयार है और हम पूरी जिम्मेदारी के साथ सदन में जवाब देंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सपा कर रही मुस्लिम तुष्टीकरण
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि समाजवादी पार्टी मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति में लगी हुई है और इस समय कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति का महाभारत शुरू हो गया है. देखते हैं आगे क्या होता है. सरकार चर्चा के लिए तैयार है. हम भाग नहीं रहे हैं. तमाम मुद्दों पर चर्चा के लिए ही सत्र बुलाया गया है. उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि आज विधानसभा सत्र का पहला दिन है. कल बजट के जरिए हम प्रदेश की जनता के सामने विकास के एजेंडे को लेकर आएंगे. विभिन्न विभागों की मांगों पर चर्चा होगी. इसके बाद कुछ अहम विधेयक पास कराया जाएगा. हमारी सरकार की प्राथमिकता विकास है. विपक्ष पूरी तरह से सदन का वक्त बर्बाद करता है और उनके पास प्रदेश के विकास को लेकर कोई एजेंडा नहीं है. विपक्ष को जनता ने खारिज कर दिया है.


यह भी पढ़ें: Uttar Pradesh विधानसभा सत्र में गूंजेगा संभल मुद्दा, समाजवादी पार्टी इन मुद्धों को उठाने के लिए तैयार


विधानसभा के बाहर सुरक्षा बढ़ाई गई
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले लखनऊ में राज्य विधानसभा के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है. इस सत्र में राज्य को प्रभावित करने वाले विभिन्न प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है. जिसमें संभल हिंसा, अतिक्रमण विरोधी अभियान, महाकुंभ की तैयारी, झांसी अग्निकांड जैसी घटनाएं शामिल है. वहीं सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग का आश्वासन दिया. राज्य सरकार मंगलवार को विधानसभा में अनुपूरक बजट भी पेश करेगी. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि संसदीय व्यवस्था में संवाद और सकारात्मक चर्चा-परिचर्चा के माध्यम से लोकतंत्र मजबूत होता है. उन्होंने सभी दलीय नेताओं से अनुरोध किया कि वे अपना-अपना पक्ष सदन में शालीनता एवं संसदीय मर्यादा के तहत रखकर प्रेमपूर्ण वातावरण में सदन में बहस करें.