Sania Mirza : टेनिस स्टार सानिया मिर्ज़ा का नाम देश की सर्वश्रेष्ठ महिला टेनिस खिलाड़ियों में शुमार किया जाता है. सानिया मिर्ज़ा ने अपने रिटायमेंट का एलान कर दिया है. वह फरवरी में अपना अंतिम ग्रैंड स्लेम टूर्नामेंट खेलेंगे. सानिया ने कई बार देश को गर्व करने का मौक़ा दिया .उन्होने कई इंटरनेशनल टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए मेडल अपने नाम किए. टेनिस स्टार सानिया मिर्जा की कामयाबी और उपलब्धियों की एक बड़ी लिस्ट है. कम उम्र में ही सानिया ने टेनिस की प्रैक्टिस शुरू कर दी. उनके पहले गुरु टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति हैं, जिन्होंने सानिया को टेनिस की शुरुआती शिक्षा दी.


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बढ़ाया देश का गौरव
1999 में जकार्ता में हुए वल्ड जूनियर चैंपियनशिप में सानिया मिर्ज़ा ने अपना पहला इंटरनेशनल टूर्नामेंट खेला था. बाद में उन्होंने 2003 में विंबलडन चैंपियनशिप गर्ल्स डबल में ख़िताब अपने नाम किया. साल 2003 यूएस ओपन गर्ल्स डब्ल्स के सेमीफाइनल तक पहुंचीं. एफ्रो – एशियाई खेलों में सानिया ने चार गोल्ड मैडल पर अपना क़ब्ज़ा जमाया. साल 2007 में सानिया ने चार युगल खिताब जीते और सिंगल रैंकिंग में वल्ड में 27वें नंबर पर मक़ाम बना लिया. 2009 में सानिया ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन में महेश भूपति के साथ मिक्स्ड डबल में पहला ग्रैंड स्लैम जीता. सानिया मिर्जा ने अपने करियर में 6 ग्रैंड स्लैम हासिल किए हैं.



सानिया मिर्ज़ा के नाम दर्ज रिकार्ड
कई ऐसे अवसर हैं जिनके ज़रिए सानिया ने देश का नाम रोशन किया है. सानिया मिर्ज़ा ग्रैंड स्लैम ख़िताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला के तौर पर जानी जाती हैं. साल 2009 में वे भारत की तरफ से ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं.वहीं डबल्स में वर्ल्ड में पहला मक़ाम हासिल बनने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी का रिकॉर्ड भी सानिया के नाम दर्ज है. सानिया साल 2005 में डब्ल्यूटीए ख़िताब पर क़ब्ज़ा जमाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. सानिया को पद्मश्री अवार्ड, अर्जुन अवार्ड और राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड समेत कई नेशनल और इंटरनेशन अवार्ड से नवाज़ा जा चुका हैं.


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