Satyendar Jain Bail Plea: सुप्रीम कोर्ट कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के लीडर और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन की नियमित जमानत अर्जी पर 18 मार्च को अपना फैसला सुनाएगा. इस साल जनवरी में, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की अगुवाई वाली बेंच ने सत्येन्द्र जैन की तरफ से पेश सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी व प्रवर्तन निदेशालय (ED) का प्रतिनिधित्व कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू की दलीलें सुनने के बाद मामले में अपना फैसला महफूज रख लिया था. बेंच में जस्टिस पंकज मिथल भी शामिल हैं. बेंच इस मामले के दूसरे मुल्जिमीन अंकुश जैन और वैभव जैन की पिटीशन पर भी फैसला सुनाएगी.


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प्रवर्तन निदेशालय की दलील की मुखालेफत करते हुए सत्येन्द्र जैन की तरफ से पैरवी करने वाले सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल को एक साल से जेल में रखा गया है. उन्होंने यह बात भी रखी की कि जांच एजेंसियां इनमकम टैक्स के केस को मनी लॉड्रिंग मामले में बदलने का प्रयास कर रही हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के पूर्व मंत्री को जमानत देने की अपील की. साथ ही उन्होंने कहा कि गवाहों के लिए किसी भी तरह का खतरा नहीं है. जबकि, ईडी ने आम आदमी पार्टी के लीडर की जमानत अर्जी की मुखालेफत की है.  प्रवर्तन निदेशालय ने अपना तर्क रखते हुए कहा है कि जब भी वह जेल से बाहर आना चाहते हैं, मेडिकल की बुनियाद पर जमानत लेते हैं.



फिलहाल सत्येन्द्र जैन अंतरिम मेडिकल जमानत पर बाहर हैं. शीर्ष अदालत ने आम आदमी पार्टी के लीडर को पिछले साल मई में छह हफ्तों के लिए अंतरिम राहत दी थी, लेकिन वक्त-वक्त पर इसे बढ़ाया जाता रहा है. सत्येन्द्र जैन ने उनकी नियमित जमानत अर्जी खारिज करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर दस्तक दी थी. ED ने सत्येन्द्र जैन को कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के जरिए से मनी लॉन्ड्रिंग के इल्जाम में 30 मई, 2022 को अरेस्ट किया था. ईडी ने जैन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ दर्ज CBI की रिपोर्ट की बुनियाद पर गिरफ्तार किया था.