Karnataka News: सुप्रीम कोर्ट से  कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार को बड़ी राहत मिली है. दरअसल, डिप्टी सीएम के खिलाफ साल 2018 में एक मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में  डी के शिवकुमार को जेल भी जाना पड़ा था, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को रद्द कर दिया है. इसके बाद शिवकुमार ने अपने खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया और कहा कि केंद्रीय एजेंसियां आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की योजना बना रही हैं, लेकिन वह भी इसके लिए तैयार हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कोर्ट से मिली राहत
कांग्रेस नेता शिवकुमार ने कर्नाटक हाईकोर्ट के 2019 के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसने मनी लॉन्ड्रिंग के एक कथित मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन को रद्द करने से इनकार कर दिया था. जस्टिस सूर्यकांत और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया और शिवकुमार और कर्नाटक भवन (दिल्ली) के कर्मचारी ए हनुमंथैया द्वारा दायर अपील मंजूर कर ली.पीठ ने कहा, "अपील मंजूर की जाती है, PMLA के तहत अपीलकर्ताओं के खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही रद्द की जाती है." 


कांग्रेस के हैं कद्दावर नेता
शिवकुमार कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के प्रमुख भी हैं. उन्होंने कहा कि वह जल्द ही लोगों को बताएंगे कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें कैसे निशाना बनाया. उन्होंने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा, "मुझे सुप्रीम कोर्ट से राहत के बारे में जानकारी मिली. मुझे पता चला कि मेरे खिलाफ बनाए गए मामले गलत पाए गए. जीवन में कई कठिनाइयों के बाद आज खुशी का दिन है." 


डिप्टी सीएम ने क्या कहा?
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि आगे का सफर अब आसान है, शिवकुमार ने कहा कि उन्हें कभी नहीं लगा कि सफर कठिन था. उन्होंने कहा, "मैं आत्मविश्वास के साथ जेल गया. वे मुझे जितना अधिक परेशान करेंगे, मैं राजनीतिक रूप से उतना ही ऊपर उठूंगा. मैं यहां से हाईकोर्ट में न्यायाधीशों के सामने साष्टांग प्रणाम करता हूं. मैं कहता रहा हूं कि मैंने कुछ नहीं किया, लेकिन फिर भी मुझे कई समस्याओं का सामना करना पड़ा."


क्या है पूरा मामला
हनुमंथैया के साथ शिवकुमार के खिलाफ PMLA के तहत कथित अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया था. यह मामला अगस्त 2017 का है, जब आयकर विभाग ने शिवकुमार, उनके कथित व्यापारिक सहयोगी और शराब व्यापारी सचिन नारायण, लक्जरी बसों का बेड़ा चलाने वाले एक दूसरे सहयोगी सुनील कुमार शर्मा, कर्नाटक भवन (दिल्ली) के कर्मचारी ए हनुमंथैया और राज्य सरकार के पूर्व कर्मचारी राजेंद्र एन. के खिलाफ कथित कर चोरी की अपनी जांच के तहत दिल्ली में कई परिसरों में छापेमारी की थी.


साल 2018 में दर्ज हुआ था मनी लॉन्ड्रिंग का मामला
छापेमारी के दौरान विभाग ने 8.59 करोड़ रुपये से ज्यादा जब्त किए थे, जिनमें से करीब 41 लाख रुपये को शिवकुमार और करीब 7.58 लाख रुपये को शर्मा की कर देनदारी के रूप में समायोजित किया गया है, क्योंकि उन्होंने पैसा को अपनी कृषि आय और व्यावसायिक आय के तौर पर दिखाया था. बाद में कर विभाग ने सभी मुल्जिमों के खिलाफ कर चोरी के इल्जाम में बेंगलुरु की एक कोर्ट के समक्ष आरोप पत्र दायर किया और प्रवर्तन निदेशालय ने 2018 में इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया.