Allahabad High Court Judge  Controversial Statement: इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव ने विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में मुसलमानों को लेकर विवादित बयान दिया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया और हाईकोर्ट से रिपोर्ट मांगी. अब वह कथित टिप्पणी को लेकर विवादों में घिरे गए हैं. पीटीआइ के रिपोर्ट के मुताबित, न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव अपना रुख स्पष्ट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के समक्ष पेशी हो सकती है.


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अधिकारी ने क्या कहा?
एक अधिकारी ने कहा, "जस्टिस यादव के साथ बैठक के लिए कॉलेजियम के आह्वान को कोर्ट की आंतरिक प्रक्रियाओं के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है. इसके बाद क्या कार्रवाई की जाएगी, यह बैठक पर निर्भर करेगा." जस्टिस यादव अप्रैल 2026 में हाईकोर्ट के जज के तौर पर रिटायर होंगे.


जस्टिस यादव ने की थी ये टिप्पणी
विश्व हिंदू परिषद (VHP) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर यादव ने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने का समर्थन किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि कानून बहुसंख्यकों की प्राथमिकताओं के अनुरूप होने चाहिए.


देश के लिए कठमुल्ला है खतरनाक- जज
उन्होंने आगे कहा था, "मुझे यह कहने में कोई दिक्कत नहीं है कि यह हिंदुस्तान है और देश यहां रहने वाले बहुसंख्यकों के हिसाब से चलेगा. आप यह भी नहीं कह सकते कि हाईकोर्ट के जस्टिस होने के नाते वह ऐसा कह रहे हैं. भाई, कानून तो बहुमत से ही चलता है. कानून तो बहुमत से ही चलता है. परिवार के साथ-साथ समाज को भी देखिए. जहां ज्यादा लोग होते हैं, वहां जो कहते हैं, वही माना जाता है. इस दौरान उन्होंने कहा कि कठमुल्ला (मुसलमान) देश के लिए खतरनाक हैं.