SCO Summit: पाकिस्तान  एससीओ काउंसिल की 23वीं बैठक की मेजबानी कर रहा है. इस बैठक में भारत की तरफ से हिस्सा विदेश मंत्री एस जयशंकर लिया. जयशंकर ने बुधवार को अपने खिताब में पाकिस्तान को उनके घर में फटकार लगाई और कहा कि आतंकवाद के साथ-साथ बिजनेस की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद, चरमपंथ और अलगाववाद 'तीन बुराइयां' है, जिनका समाधान नहीं किया गया तो हेल्प और एकीकरण का फायदा हासिल नहीं हो सकेगा.


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आतंकवाद का उठाया मुद्दा
जयशंकर ने कहा, "अगर बॉर्डर पार से आतंकवाद, चरमपंथ और अलगाववाद जैसी गतिविधियां होती हैं, तो इनसे बिजनेस , ऊर्जा प्रवाह, कॉन्टैक्ट और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलने की संभावना नहीं है."


जयशंकर ने इशारों-इशारों में पाकिस्तान को 'अच्छे पड़ोसी' देश होने की अहमित भी समझाई. उन्होंने कहा, "अगर यीकन की कमी है या सहयोग नाकाफी है, अगर दोस्ती में कमी आई है और अच्छे पड़ोसी होने की भावना कहीं गायब है, तो यीकनन आत्मनिरीक्षण करने और इन समस्याओं का समाधान खोजने की जरुरत है." शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सामने चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए विदेश मंत्री ने कहा, "इसका मकसद आपसी यकीन, दोस्ती और अच्छे पड़ोसी रिश्तों को मजबूत करना, बहुआयामी सहयोग, खासतौर से क्षेत्रीय प्रकृति के सहयोग को विकसित करना है."



इससे पहले जयशंकर ने इस्लामाबाद में मौजूद इंडियन हाई कमीशन कैंपस में सुबह की सैर की और पीएम नरेंद्र मोदी के 'एक पेड़ मां के नाम' कैंपेन को बढ़ावा देते हुए एक पौधा लगाया. विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया पर X पर लिखा, "पाकिस्तान में इंडियन हाई कमीशन की टीम के सहकर्मियों के साथ हमारे हाई कमीशन कैंपस में सुबह की सैर."


एक दशक पहले भारत के इस मंत्री ने पाकिस्तान का किया था दौरा
यह 9 साल में किसी भारतीय विदेश मंत्री की पहली पाकिस्तान सफर है. पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने अफगानिस्तान पर एक सिक्योरिटीस  कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए 2015 में इस्लामाबाद का दौरा किया था. मंगलवार दोपहर को विदेश मंत्री जयशंकर की अगुआई में भारतीय डेलिगेशन ने रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर पहुंचा.