नई दिल्लीः बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने नियामकीय मानकों के उल्लंघन करने के मामले में सहारा समूह की एक कंपनी और उसके प्रमुख सुब्रत रॉय और अन्य अफसरों से 6.42 करोड़ रुपए की वसूली के लिए उनके बैंक और डीमैट खाते कुर्क करने का सोमवार को आदेश दिए हैं. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने आदेश में कहा है कि वैकल्पिक पूर्ण-परिवर्तनीय डिबेंचर (ओएफसीडी) जारी करने में सहारा ग्रुप से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. जुर्माना और ब्याज समेत सभी मदों में कुल 6.42 करोड़ रुपए की वसूली होनी है.

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सुब्रत रॉय समेत इनके खिलाफ जारी किया गया नोटिस 
कुर्की का आदेश सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (अब सहारा कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन) कंपनी के अलावा सुब्रत रॉय, अशोक रॉय चौधरी, रविशंकर दुबे और वंदना भार्गव के खिलाफ दिया गया है. सेबी ने अपने नोटिस में सभी बैंकों, डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड इकाइयों को निर्देश दिया है कि वे इनमें से किसी के भी डीमैट खातों से निकासी की मंजूरी न दें. हालांकि, इन लोगों को अपने खातों में पैसे जमा करने की छूट होगी.

बैंक लॉकर को भी कुर्क करने का आदेश 
इसके अलावा सेबी ने सभी बैंकों को इन चूककर्ताओं के खातों के अलावा लॉकर को भी कुर्क करने का आदेश दिया है. सेबी ने पिछले जून में जारी अपने आदेश में सहारा समूह की फर्म और उसके चार प्रमुख अफसरों पर कुल छह करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था. गौरतलब है कि यह जुर्माना सहारा की तरफ से 2008-09 में ओएफसीडी जारी कर निवेशकों से पैसे जुटाने के मामले में लगाया गया था. सेबी के मुताबिक, यह डिबेंचर उसके नियामकीय मानकों का उल्लंघन करते हुए जारी किया गया था.


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