Shab E Barat: मुसलमानों के सबसे मुकद्दस महीने रमजान से पहले आने वाले महीने शाबान का चांद नजर आ चुका है. मंगलवार की शाम शाबान का चांद देखा गया. इसी महीने शब-ए-बरात (Shab E Barat) भी मनाई जाती है. ऐसे में चांद नजर आने के बाद शब-ए-बरात का दिन भी तय हो गया है. उलेमाओं की तरफ से बताया गया है कि इस साल शब-ए-बरात 7 मार्च यानी मंगलवार को होगी.


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क्या है शब-ए-बरात:
शाबान महीने की 15 रात को शब-ए-बरात कहा जाता है. इस रात में अल्लाह अपने बंदों को उनके गुनाहों से माफ करता है. यानी इस दिन जो भी अल्लाह से सच्चे दिल से मगफिरत मांगता है उसको माफ कर दिया जाता है. ऐसा कई हदीस (इस्लाम में कुरान के बाद सबसे पवित्र और अहम किताब) में जिक्र किया गया है. एक और हदीस में जिक्र है कि इसी रात को दुनिया में रहने वाले लोगों का फैसला होता है. यानी जन्म, मौत और आपके हिस्से के रिज्क वगैरह का फैसला भी इसी रात को होता है. ऐसे में इस्लाम में इस रात का बहुत अहमियत है और यही वजह है कि ज्यादातर मुसलमान रातभर जागकर खुदा की इबादत करते हैं.


कब है रमजान का पहला रोजा:
शब-ए-बरात के बाद से रमजान की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. क्योंकि शाबान महीने के बाद दिखने वाला चांद मकद्दस रमजान का चांद होता है. पिछले दिनों सऊदी की एक वेबसाइट के मुताबिक इस साल सऊदी अरब में रमजान का पहला रोज़ा 23 मार्च को होगा और 22 मार्च की शाम चांद देखा जाएगा. ऐसे में भारत और आसपास के मुल्कों में 23 मार्च को चांद देखा जाएगा और 24 मार्च को पहला रोज़ा रोगा. 


क्या है रमजान:
अरबी महीने शाबान के बाद आने वाला महीना रमजान भी मुसलमानों के लिए बेहद खास माना जाता है. सभी मुस्लिम इस महीने में 30 दिनों रोजे रखते हैं. जिसमें वो सूरज निकले से पहले खाते हैं और फिर सूरज छिपने के कुछ देर बाद तक कुछ भी नहीं खाते, यहां तक कि पानी भी नहीं पीते. रमजान के महीने का इंतेजार सभी मुस्लिम बेसब्री के साथ करते हैं, क्योंकि इस महीने के मगफिरत का महीना भी कहा जाता है. 


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