राम मंदिर का दर्शन करने के लिए मुंबई से अयोध्या के लिए पैदल निकली मुस्लिम लड़की शबनम शेख
अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का दिन नज़दीक आ गया है. 22 जनवरी को रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने वाला है. जिसपर हर किसी के नज़रें टिकी हुई हैं. इस बीच खुद को सनातनी मुस्लिम बताने वाली शबनम शेख भी मुम्बई से अयोध्या के लिए पैदल निकल चुकी हैं राम के दर्शन को.
अयोध्या के राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों पर है, 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. पूरा हिंदुस्तान बेसब्री से 22 जनवरी के इंतज़ार कर रहा है . लोग श्री राम के दर्शन के लिए लालायित हो रहें हैं. हर कोई रामलला के दर्शन के लिए बेसब्र है. हिंदुस्तानी की ज़मीं पर राम का नाम सिर्फ धर्म और आस्था का मामला नहीं है बल्कि राम मर्यादा के प्रतीक हैं. सब राम के हैं और राम सबके है, इसी बात को साबित कर रही हैं मुम्बई की शबनम शेख. शबनम शेख एकता की मिसाल और भारत की एकता में अनेकता की पहचान को मजबूती से दुनिया के आगे पेश करते हुए राम के दर्शन को निकल चुकी हैं. दरअसल मुंबई की शबनम शेख रामलला के दर्शन का संकल्प लेकर घर से निकली है और दिलचस्प बात ये है कि वो मुम्बई से अयोध्या का ये सफर पैदल ही तय कर रही हैं. खुद को सनातनी मुस्लिम बताती है शबनम शेख़
शबनम शेख की उम्र 20 साल है और वो बीकॉम प्रथम वर्ष की छात्रा हैं.
राम के प्रति उनके मन मे अगाध श्रद्धा है. वे अपने आपको सनातनी मुस्लिम कहती हैं.उनका कहना है कि उन्हें देश और दुनिया से लोगों के अयोध्या जाने की जब जानकारी मिली तो उनके मन मे भी राम के दर्शन का भाव जगा और उन्होंने भी पैदल अयोध्या तक जाने का मन बना लिया.
कहां तक पहुंची है शबनम
शबनम फिलहाल रास्ता तय करते हुए मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले से गुजर रही हैं. अब तक शबनम 350 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी हैं. उनका मानना है कि राम की पूजा के लिए किसी को हिंदू होने की जरूरत नहीं है इसके लिए तो इंसान होना ही काफी है.शबनम रोज़ 25 से 30 किलोमीटर पैदल चल रही हैं.
हाथ मे भगवा झंडा लिए आगे बढ़ रही शबनम
मुम्बई से अयोध्या के लिए निकली शबनम के हाथ में भगवा झंडा है जिस पर हनुमान जी की तस्वीर बनी हुई है. उनके साथ में एक पिट्ठू बैग है जिस पर अयोध्या के मंदिर का जिक्र है. शबनम का कहना है कि सबको अयोध्या की ओर जाते देख के उनके मन में ये ख़्याल आया कि वो भी ये कर सकती हैं.
कैसे बना ये प्लान
शबनम बताती है कि उनके दो साथियों रामरज व विनीत पांडे ने साइकिल से उन्हें अयोध्या चलने का सुझाव दिया, इस सुझाव पर उन्हें लगा कि हाइवे पर साईकल चलाना ठीक नहीं रहेगा. लिहाजा उन्होंने पैदल ही अयोध्या जाने का मन बनाया और उनके साथी इसके लिए तैयार हो गए.
शबनम बताती हैं कि जब उन्होंने अपने इस प्लान को अपने पिता से शेयर किया तो उनके पिता ने तुरंत हामी भर दी और फिर शबनम निकल पड़ी अयोध्या के लिए. ह
मुम्बई से अयोध्या की दूरी कितनी है
मुंबई से अयोध्या की दूरी लगभग 1,400 किलोमीटर है और वह रोज़ 25 से 30 किलोमीटर का सफर तय कर रही है, हालाकिं अब तक 350 किलोमीटर का रास्ता ही तय कर पाई है. इस लिहाज से उनका 22 जनवरी तक अयोध्या पहुंचना मुश्किल है मगर वह कहती हैं कि वे तो रामलाल के दर्शन करने निकली है और राम उनका साथ देंगे