Shahpur Kandi Dam Project: भारत ने रावी नदी के पानी को स्टोर करने के लिए पंजाब के शाहपुर कंडी में डैम बनाने में कामयाबी हासिल की है.सालों से शाहपुर कंडी के रास्ते पाकिस्तान जा रहे रावी नदी के पानी को रोकने में भारत को कामयाबी हासिल हो गई है.पंजाब और जम्मू कश्मीर बॉर्डर के बीच 29 सालों के बाद शाहपुर कंडी परियोजना का काम पूरा हो गया है. बीते बुधवार से शाहपुर कंडी बांध में जल भंडारण का काम शुरू हो गया है. उसके बाद अब एक बूंद पानी भी बर्बाद होकर पाकिस्तान नहीं जाएगा. हर साल तकरीबन 12 क्यूसेक रावी नदी का पानी पाकिस्तान की तरफ चला जाता था.जबकि, जम्मू कश्मीर के कठुआ, सांबा और पंजाब के कई इलाकों को सूखे का सामना करना पड़ता था.


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ऐसे में अब इस प्रोजेक्ट के पूरे होने के बाद वॉटर स्टॉरेज का काम शुरू हो गया है. जबकि जो नहर बनाने का काम था वह भी तकरीबन 85 फीसद पूरा कर लिया गया है. ऐसे में अब बहुत ही जल्द कठुआ और सांबा को रोजाना 1150 क्यूसेक पानी मिलेगा, इससे दोनों जिलों में 32173 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा. शाहपुर कंडी प्रोजेक्ट बनाने में तकरीबन 2,793 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. शाहपुर कंडी परियोजना से 206 मेगावाट बिजली उत्पादन का भी टारगेट रखा गया है. 2025 तक इसका पावर हाउस भी बनकर तैयार हो जाएगा और जम्मू कश्मीर को भी इससे बिजली का हिस्सा मिलेगा.



इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा खमियाजा पाकिस्तान को उठाना पड़ सकता है. जहां पर इस परियोजना के बनने के बाद पानी की कमी से कई इलाकों को जूझना पड़ेगा. लेकिन. भारत ने शाहपुर कंडी प्रोजेक्ट को इंडस वॉटर ट्रीटी के तहत बनाया है 1960 में भारत और पाकिस्तान के  सिंधु जल समझौता  (Indus Water Treaty) हुआ था. जिसके तहत रावी , व्यास, सतलुज तीनों नदी के पानी पर भारत का अधिकार है. जबकि झेलम, चेनाब, सिंधु नदियों के पानी पर पाकिस्तान का हक है. शाहपुर कंडी परियोजना जम्मू कश्मीर के लोगों का एक ख्वाब था जो अब पूरा हो गया है. ऐसे में आने वाले दिनों में जो पानी बर्बाद होकर पाकिस्तान चला जाता था वो अब जम्मू कश्मीर के साथ-साथ पंजाब की जमीन और लोगों की जरूरत को पूरा करेगा.