Shashi Tharoor on Maulana Abul Kalam Azad: कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने शुक्रवार को भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद (Maulana Abul Kalam Azad) के संदर्भों को एनसीईआरटी (NCERT) की किताब से हटाने पर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी कक्षा 11 की राजनीति विज्ञान की किताब से मौलाना अबुल कलाम आजाद को हटाना एक "अपमान" है.


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नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) ने 11वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की नई पाठ्यपुस्तक से स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पहले शिक्षा मंत्री आजाद का संदर्भ हटा दिया है. इस पर एक मीडिया रिपोर्ट को टैग करते हुए थरूर ने ट्वीट किया लिखा,"मुझे इतिहास में नजर अंदाज़ की जाने वाली हस्तियों को शामिल करने पर कोई आपत्ति नहीं, लेकिन लोगों को हटाना, खास तौर पर गलत कारणों से, यह है हमारे विविध लोकतंत्र और इसके गौरवपूर्ण इतिहास के अयोग्य."


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पिछले साल अपने "सिलेबस रेशनलाइजेशन" अभ्यास के हिस्से के रूप में, एनसीईआरटी ने "ओवरलैपिंग" और "अप्रासंगिक" कारणों का हवाला देते हुए पाठ्यक्रम से कुछ हिस्सों को हटा दिया, जिसमें गुजरात दंगों, मुगल अदालतों, आपातकाल, शीत युद्ध, नक्सली आंदोलन पर सबक शामिल थे. रेशनलाइजेशन नोट में कक्षा 11 की राजनीति विज्ञान की किताब में किसी भी बदलाव का कोई जिक्र नहीं था.


हालांकि, एनसीईआरटी ने दावा किया है कि इस साल पाठ्यक्रम में कोई कटौती नहीं की गई है और पाठ्यक्रम को पिछले साल जून में ठीक करने का काम किया गया था. एनसीईआरटी के डायरेक्टर दिनेश सकलानी ने कहा कि यह चूक हो सकती है कि पिछले साल किताबों को युक्तिसंगत बनाने की कवायद में कुछ पार्ट को हटाने का ऐलान नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि संशोधित पंक्ति अब इस तरह पढ़ी जाएगी, "आमतौर पर जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल या बीआर अंबेडकर इन समितियों की अध्यक्षता करते थे."


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