नई दिल्ली: हिंदुस्तान और चीन के दरमियान कशीदगी को लेकर अब सियासत शुरू हो गई है. बहुत से सियासी लीडरान मरकज़ की नरेंद्र मोदी हुकूमत को घेरे में डाल रहे हैं और तरह तरह के सवाल के पूछ रहे हैं. इसी सिम्त में शिवसेना ने भी नरेंद्र मोदी हुकूमत पर सवाल खड़े किए हैं. शिवसेना ने मुखपत्र सामना के ज़रिए मांग की है कि हुकूमत हिंदुस्तान और चीन सरहद के हकीकी हालात की सही जानकारी मुल्क को दे.


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शिव सेना ने पूछा कि गलवान वादी में क्या हो रहा है? यह अभी तक अवाम को क्यों नहीं बताया जा रहा है? सामना में लिखा है कि "गड़बड़ सरहद पर नहीं, बल्कि दिल्ली में है. दिल्ली की हुकूमत नामर्द है इसीलिए सरहद पर दुश्मन आंख दिखा रहा है." 6 साल पहले ज़ोर लगाकर ऐसा बोलने वाले नरेंद्र मोदी आज दिल्ली के इक्तेदार में हैं इसीलिए आज जो हुआ है, उसका इंतेकामी कोर्रवाई पीएम मोदी को ही करनी होगी.


सामना में आगे लिखा कि चीन के राष्ट्रपति अहमदाबाद आकर पीएम मोदी के साथ झूले पर बैठकर ढोकला खाते हैं. उसी वक्त हमने यह वार्निंग दी थी कि लाल चीनी बंदरों पर यकीन मत करो. जैसे पंडित नेहरू के साथ धोका किया गया, वैसे ही तुम्हारे साथ भी होगा." बदकिस्मती से ऐसा हो चुका है, अब बदली का कार्रवाई नहीं हुई तो पीएम मोदी के अक्स को इससे धक्का लगेगा. 


चीन से आज जो जिद्दोजहद शुरू हुई है, उसकी वजह पंडित नेहरू की नाकाम खारजा पॉलिसी है, ऐसा बोलकर अवामी जलसों में तालियां मिल जाएंगी लेकिन आज जवानों की जो कुर्बानी शुरू हो चुकी है, उसे रोकने की जिम्मेदारी मोदी हुकूमत की है. शिवसेना पाकिस्तान का ज़िक्र करते हुए कहा,"पाकिस्तान को धमकी देना, वार्निंग देना, सर्जिकल स्ट्राइक करके सियासी माहौल बनाना आसान है क्योंकि पाकिस्तान मुल्क नहीं बल्कि एक टोली है लेकिन चीन के मामले में ऐसा नहीं है.'


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