Shayam Saran Negi: जब उम्र 18 वर्ष हो जाती है तो हर शहरी को एक खास हक मिल जाता है, वो हक है वोट का. यह बेहद खास हक है क्योंकि हम अपने वोट की बदौलत अपने हुक्मरानों को चुनते हैं. जब आप पहली बार वोट डालने के गए होंगे तो जरूर वो लम्हा याद होगा. ये सब हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि आज हिंदुस्तान के पहले वोटर श्याम सरन नेगी (Shayam Saran Negi) का देहांत हो गया है. श्याम सरन नेगी आजाद भारत के पहले वोटर थे, जो हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के रहने वाल थे. उनका देहांत 106 साल की उम्र में हुआ है. 


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1952 के चुनाव में डाला पहला वोट
खबरों के मुताबिक श्याम सरन नेगी ने 32 बार वोट डाला. पहला वोट उन्होंने आजादी के बाद पहली बार 1952 में हुए चुनाव के दौरान डाला था. हालांकि श्याम सरन नेगी ने 1952 में नहीं बल्कि 1951 में वोट डाला था. क्योंकि उस वक्त की राज्य व्यवस्था में किन्नौर समेत ऊंचे हिमालयी पर्वतीय क्षेत्रों में 25 अक्टूबर,1951 को वोट डाले गए थे. पहाड़ी, ऊंची और बर्फबारी की वजह इस इलाके में वोटिंग पहले ही करा ली गई थी. हालांकि हिंदुस्तान में वोटिंग 1952 (फरवरी-मार्च) में हुई थी. 


2 नवंबर को डाला आखिरी वोट
सबसे उम्रदराज वोटर श्याम नेगी ने आखिरी वोट इसी महीने यानी 2 नवंबर को डाला है. हालांकि अब आप सोच रहे होंगे कि हिमाचल प्रदेश में चुनाव तो 12 नवंबर को होने हैं. ऐसे में श्याम सरन नेगी ने 2 नवंबर को कौनसा वोट डाल दिया है. तो इसका जवाब यह है कि चुनाव आयोग की तरफ से 80 या उससे ज्यादा उम्र के और दिव्यांग लोगों के लिए पोस्टल बैलेट पेपर के ज़रिए वोटिंग करवाई जा रही है. पहले चरण के लिए यह वोटिंग 1 से लेकर 3 नवंबर को हुई थी. जिसमें श्याम सरन नेगी ने अपना वोट डाला. बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग ने उन्हीं के घर पर बूथ बनाया था और रेड कारपेट पर उनका स्वागत किया था.