Silkyara Tunnel Collapse: कौन है इस ऑपरेशन का हीरो मुन्ना कुरैशी? जिसे देख मजदूरों ने लगा लिया गले
Silkyara Tunnel Collapse: सिल्कयारा टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है. इस ऑपरेशन का हीरो मुन्ना कुरैशी को माना जा रहा है. मुन्ना वही हैं जिन्होंने आखिरी चट्टान को हटाया था.
Silkyara Tunnel Collapse: आखरी पत्थर हटा और 17 दिनों से फंसे मजदूरों ने एक शख्स को बाहों में भर लिया, मानों सदियों से इन लोगों को इस शख्स का इंतेजार था. मजदूर जिसे गले लगा रहे थे इस आदमी का नाम है मुन्ना कुरैशी. कुरैशी वही शख्स हैं जिन्हें इस ऑपरेशन का हीरो माना जा रहा है. 17 दिनों तक चले इस लंबे ऑपरेशन में कई समस्याएं आईं, लेकिन आखिरकार सभी मजदूर सुरक्षित बाहर आ गए और फिलहाल सभी को मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखा गया है.
पीएम मोदी ने की तारीफ
इस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देने वालों की खूब तारीफ हो रही है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को सलाम किया है. इस ऑपरेशन का हीरो मुन्ना कुरैशी को माना जा रहा है, क्योंकि वही पहले शख्स थे जो फंसे मजदूरों तक पहले पहुंचे थे और उन्होंने ही आखिरी चट्टान को हटाया था.
कौन हैं मुन्ना कुरैशी?
मुन्ना कुरेशी 29 साल के एक रैट होल माइनर हैं, जो दिल्ली की एक कंपनी में काम करते हैं. यह एक ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग सर्विस कंपनी है जो सीवर और पानी की लाइनों को साफ करती है. वह उन दर्जनों रैट-होल माइनर्स में से एक थे, जिन्हें आखिरी में 12 मीटर मलबा हटाने के लिए सोमवार को उत्तराखंड लाया गया था. आप, इन रैट होल माइनर्स को आखिरी सहारा भी कह सकते हैं. अमेरिका में बनी बरमा मशीन खराब होने के बाद केवल इन्हीं लोगों से उम्मीद लगाई जा रही थी कि शायद अब रैट होल माइनर्स ही कुछ कर सकते हैं. बता दें रैट होल माइनिंग छोटी सुरंग खोदकर कोयला निकालने का एक प्रोसेस है, लेकिन कई साल पहले अवैज्ञानिक होने की वजह से इस प्रोसेस को बैन कर दिया गया था.
मजदूरों ने लगा लिया गले
मुन्ना कुरेशी बताते हैं कि जब मैंने आखिरी चट्टान हटाई और 41 फंसे हुए मजदूरों ने मुझे देखा तो उनका खुशी का ठिकाना नहीं रहा, उन्होंने मुझे गले लगा लिया, तालियां बजाईं और मुझे बहुत-बहुत शुक्रिया अदा किया. वह एक भावुक करने वाला पल था. अंदर फंसे लोग लंबे समय से निकलने का इंताजार कर रहे थे, जब उन्होंने मुन्ना को देखा तो वे खुशी से झूम उठे और उन्होंने माइनर्स को गोद में उठा लिया. मोनू कुमार, वकील खान, फ़िरोज़, परसादी लोधी और विपिन राजौत अन्य माइनर्स थे, जो इस मुश्किल ऑपरेशन के बाद फंसे हुए लोगों तक पहुंचे.