पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव के पहले देशभर के विपक्षी नेताओं को एकजुट करने के प्रयास के बीच जदयू (JDU) ने एक बड़ा बयान दिया है. जदयू ने कहा है कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव का गठजोड़ पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में ताकतवर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को शिकस्त देने में कामयाब हो सकता है. जनता दल-यूनाइटेड ने शनिवार को यह बात कही है. जदयू के सद्र राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन ने यह दावा किया है कि उप्र में पार्टी के कार्यकर्ता चाहते हैं कि नीतीश कुमार अगला लोकसभा चुनाव पड़ोसी राज्य में लड़ें.

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यूपी के इन लोकसभा सीटों में किसी एक से लड़ सकते हैं चुनाव 
जदयू प्रमुख ने कहा, ‘‘लोकसभा सदस्य के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए सबसे ज्यादा मांग फूलपुर से आई है. इसी तरह की मांग अंबेडकर नगर और मिर्जापुर के कार्यकर्ताओं द्वारा भी की गई है. चुनाव लड़ने के लिए प्रयागराज के फूलपुर के साथ मिर्जापुर और आम्बेडकर नगर का नाम चर्चा में शामिल है. यह सभी सीटें नीतीश कुमार के लिए जातिगत समीकरण के हिसाब से बिल्कुल फिट बैठेंगी. हालांकि अभी चुनाव एक साल से ज्यादा दूर हैं, इसलिए हम ऐसी मांगों को स्वीकार या अस्वीकार करने के संदर्भ में अभी नहीं सोच रहे हैं.’’ हालांकि, उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए कि उनकी पार्टी मुलायम सिंह यादव के सपा के साथ गठजोड़ करना चाहेगी, जिनसे कुमार अपनी हालिया दिल्ली यात्रा के दौरान मिले थे.


भाजपा को 20 सीटों पर समेटने का दावा 
जदयू अध्यक्ष ने आगे कहा, ‘‘विपक्षी एकता के लिए हमारे नेता के मुहिम की लहर चल रही है. हालांकि, नीतीश कुमार बिहार की सभी 40 लोकसभा सीट में से किसी से भी चुनाव लड़ने का फैसला कर सकते हैं, लेकिन उप्र से उठ रही मांगें उनकी राष्ट्रीय पहल के बारे में चर्चा के संकेत दे रहे हैं.’’ ललन सिंह ने कहा कि अगर नीतीश और अखिलेश एकसाथ आते हैं, तो वर्ष 2019 में उप्र में 65 लोकसभा सीट जीतने वाली भाजपा को 20 से भी कम सीटों पर समेटा जा सकता है. 


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