मुलायम सिंह यादव को `भारत रत्न’ दिए जाने की उठी मांग; क्या है आपकी राय ?
Demand Bharat Ratna for Mulayam Singh Yadav: समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का 82 साल की अवस्था में पिछली 10 अक्टूबर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था.
लखनऊः समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के निधन के बाद अब उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न’ (Bharat Ratna) दिए जाने की मांग उठ रही है. सपा के वरिष्ठ नेता आई पी सिंह ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर मांग की है कि मुलायम सिंह यादव के निधन के साथ देश में समाजवाद का एक स्वर्णिम अध्याय और युग का अंत हो गया है. आई पी सिंह ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने सामाजिक न्याय की ऐतिहासिक लड़ाई लड़ी है और राष्ट्र के प्रति अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया.
धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव एक्सप्रेसवे रखने की अपील
आई पी सिंह ने यह पत्र ट्विटर पर भी पोस्ट किया है. सिंह ने एक दूसरे ट्वीट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का नाम धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव एक्सप्रेसवे रखने की अपील की है. सपा नेता आई पी सिंह ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी में कहा है कि मुलायम सिंह यादव तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ-साथ एक बार रक्षा मंत्री भी रहे हैं, लेकिन वह हमेशा जमीन से जुड़े नेता बने रहे. वह गरीब-गुरबों के मसीहा थे और जिंदगी भर गरीब कल्याण की राजनीति करते रहे. मुलायम के निधन से पूरा देश शोकाकुल है और सभी में निराशा का भाव है.
6 दशकों तक देश की राजनीति में निभाई सक्रिय भूमिका
आई पी सिंह ने कहा कि ऐसे में नेता जी के करोड़ों चाहने वालों और समाजवादी विचारधारा के हर सिपाही की भावनाओं का ख्याल करते हुए यादव को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ’भारत रत्न’ देने की अविलंब घोषणा की जाए. सैफई के एक पिछड़े परिवार में जन्म लेने वाले नेताजी लगभग 6 दशकों तक देश की राजनीति के केंद्रबिंदु बने रहे. 8 बार विधायक, 7 बार संसद, 3 बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और एक बार भारत का रक्षा मंत्री बनने का उन्हें सौभग्य मिला था. गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का पिछली 10 अक्टूबर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था. वह 82 वर्ष के थे. उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को उनके पैतृक गांव सैफई में किया गया था.
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