Supreme Court on Delhi Pollution: दिल्ली में बढ़ते पॉल्युशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा, "प्रदेश सरकार सख्त कदम उठाएं, वरना हमने अपना बुलडोजर शुरू किया तो फिर हम नहीं रुकेंगे." न्यायमूर्ति कौल ने कहा, "अगर मैं बुलडोजर चलाऊंगा तो अगले 15 दिनों तक नहीं रुकूंगा."


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उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि दिवाली की छुट्टियों से पहले सभी पक्ष मिलकर एक बैठक करें. हम इस समस्या का तत्काल हल चाहते हैं. यहां तक कि दिल्ली में बसों के जरिए होने वाले पॉल्युशन का फीसदी भी बहुत बढ़ चुका है."


सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या धान की फसल की बजाय मिलेट यानी मोटे अनाज उगाने को बढ़ावा दिया जा रहा? इसका प्रचार तो खूब हो रहा है. कोर्ट ने कहा कि इस समस्या का समाधान या तो अभी कीजिए नहीं तो अगले साल तक इंतजार कीजिए. अगले साल से ये समस्या नहीं होनी चाहिए इसके कड़े उपाय अभी से कीजिए.  


कोर्ट ने सरकार से पूछा "क्या धान की फसल की बजाय मोटे अनाज यानी मिलेट उगाने को बढ़ावा दिया जा रहा है? इसका प्रचार तो खूब हो रहा है." आगे कोर्ट ने कहा, "इस समस्या का समाधान या तो अभी कीजिए नहीं तो अगले साल तक इंतजार कीजिए. अगले साल से ये समस्या नहीं होनी चाहिए इसके कड़े उपाय अभी से कीजिए."  


सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा, "पंजाब में धान की फसल को फेज वाइज बाहर किया जाए. केंद्र सरकार इसमें वैकल्पिक फसल यानी मोटे अनाज की फसल के लिए मदद करे." इसपर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा है कि एक सॉल्यूशन विकसित किया गया है. इसके छिड़काव से पराली खाद में बदल जाती है. फिर पंजाब सरकार ने इसका उपयोग क्यों नहीं किया."


शीर्ष अदालत ने पंजाब से दो टूक कहा, "पराली जलाने की घटना बंद हों. यहां हर कोई समस्या का एक्सपर्ट है. लेकिन समाधान किसी के पास नहीं है. आप देख रहे हैं कि दिल्ली में कितने बच्चे स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं."  


इसके अलावा कोर्ट ने ऑड-ईवन को लेकर भी बड़ी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने ऑड-ईवन को दिखावा बताया है. न्यायमुर्ति किशन कौल ने कहा - "आप पहले भी ऑड-ईवन सिस्टम ला चुके हैं, क्या यह सफल हुआ है, यह सब सिर्फ दिखाने के लिए है." 


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