क्लासरूम के ब्लैक बोर्ड पर लिखा `FINISH`, छात्र ने दोस्त और लड़की को मारी गोली
मंथन क्लास में आया और ब्लैक बोर्ड पर चौक से `फिनिश` लिखकर कुर्सी पर बैठ गया. कुछ समय बाद पिस्टल ले कर आया और हुकमेंद्र के सिर में रखकर दाग दिया.
झांसी: बुंदेलखंड महाविद्यालय के एक सिरफिरे छात्र ने क्लास रूम में ही अपने सहपाठी को गोली मार दी. छात्र को गोली मारने के बाद वह झांसी के चाणक्यपुरी मोहल्ले पहुंचा. जहां पर अपनी दादी के साथ घर के गेट पर बैठी साथी छात्रा को भी उसने गोली मार दी. जिसके बाद घायल छात्र और छात्रा को अलग-अलग अस्पताल में दाखिल करवाया गया. जहां छात्रा की मौत हो गई, जबकि घायल छात्र अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है. पुलिस ने आरोपी छात्र को गिरफ्तार कर लिया है.
यह भी पढ़ें: हसीन जहां ने शमी के साथ शेयर की टॉपलेस तस्वीर, सैफ-करीना को सुनाई खरी-खरी
घायल छात्र हुकमेंद्र सिंह गुर्जर मथुरा के शेरगढ़ थाने के जटवारी गांव का निवासी है. आरोपी छात्र मंथन सिंह सेंगर बुंदेलखंड महाविद्यालय में निवाड़ी (एमपी) रेलवे स्टेशन के पास रहता है. दोनों एमए मनोविज्ञान के छात्र हैं. छात्रा कृतिका त्रिवेदी हिस्ट्री से एमए कर रही थी. तीनों दोस्त एनसीसी कैडेट थे.
आरोपी छात्र ने बोर्ड पर लिखा 'फिनिश'
शुक्रवार की सुबह हमेशा की तरह सभी स्टूडेंट्स क्लास रूम में पढ़ाई कर रहे थे. पीरियड खत्म होने के बाद जैसे ही प्रोफेसर और छात्र क्लास से बाहर गए. वैसे ही मंथन क्लास में आया और ब्लैक बोर्ड पर चॉक से 'फिनिश' लिखकर कुर्सी पर बैठ गया. कुछ समय बाद पिस्टल ले कर आया और हुकमेंद्र के सिर में रखकर दाग दिया. गोली लगने के बाद हुकमेंद्र जमीन पर गिर गया. जिसके बाद उसे फौरन इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया.
गोली की आवाज सुन पिता घर से बाहर निकले
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंचे. तभी पुलिस कप्तान को सूचना मिली. सिपरी बाजार के गोंदू कंपाउंड के चाणक्य पुरी निवासी कृतिका को गोली मार दी गई है. गोली मारने वाला मंथन सिंह सेंगर ही है. छात्रा अपने घर के बाहर गेट पर बैठी थी. गोली चलने की आवाज सुनकर कृतिका के पिता घर से बाहर निकले बेटी को खून से लथपथ देखकर मंथन सिंह के पीछे दौड़े. तभी आवाज सुनकर पड़ोसी भी अपने घरों से बाहर निकल आए और आरोपी छात्र को पकड़ लिया. इसके बाद पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं घायल छात्रा को अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
ऐसा तो नहीं था मंथन '
शुक्रवार को जब घटना की जानकारी बुंदेलखंड महाविद्यालय की एनसीसी की शिक्षिका को हुई तो उनके मुंह से पहले शब्द यही निकले‘ऐसा तो नहीं था मंथन, ये क्या कर डाला’. केवल एनसीसी शिक्षिका ही नहीं, बल्कि कॉलेज के अन्य शिक्षकों व छात्रों की भी पहली प्रतिक्रिया कुछ ऐसी ही आई. जिसने भी घटना के बारे में सुना उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि मंथन ऐसा कर सकता है.
7 वर्षो से कृतिका और मंथन थे दोस्त
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक मथन सिंह सेंगर और कृतिका त्रिवेदी दोनों ने 2014 में बुंदेलखंड महाविद्यालय में बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था. दोनों ने ही साथ में एनसीसी ज्वाइन की थी. शुरुआत से ही दोनों में गहरी दोस्ती हो गई थी. बीए अंतिम वर्ष में पहुंचते-पहुंचते हुकुमेंद्र सिंह भी उनकी इस दोस्ती का हिस्सा बन गया. शुरुआत में तीनों कॉलेज कैंपस में साथ में ही नजर आया करते थे.
NCC में तीनों ने एक साथ मिलकर किया था यह काम
एनसीसी की ट्रेनिंग के दौरान स्वच्छ भारत अभियान में तीनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और लॉकडाउन के दरमियान जिम्मेदारी से अपनी ड्यूटी निभाई. चूंकि, कृतिका और मंथन की पहले से ही गहरी दोस्ती थी लेकिन बाद के दिनों में कृतिका और हुकुमेंद्र की भी अच्छी दोस्ती हो गई थी. अक्सर हुकुमेंद्र मंथन से कृतिका को लेकर टिप्पणी कर देता था. मंथन इसका विरोध करता था. साथ ही कृतिका को भी हुकुमेंद्र से दूर रहने को कहता था. लेकिन, दोनों ही मंथन की बात को नजर अंदाज करते आ रहे थे. मंथन अंदर ही अंदर घुटता जा रहा था. उसके साथियों के अनुसार उसका स्वभाव भी बदलने लगा था. पहले जहां कॉलेज में नियमित रूप से उपस्थित रहता था, तो वहीं वो अब दूरी बनाने लगा था. माना जा रहा है कि जब हुकुमेंद्र और कृतिका दोनों ने ही उसकी बात नहीं सुनी तो उसने इस खौफनाक काम को करने प्लान बनाया.