Election Commissioner: चुनाव आयोग ने ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू को भारत निर्वाचन आयोग का नया चुनाव आयुक्त नियुक्त किया है. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में समिति के साथ हुई बैठक के बाद आया है. 


अरुण गोयल ने 9 फरवरी को दिया था इस्तीफा


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2024 के लोकसभा चुनावों के कार्यक्रम की अपेक्षित घोषणा से कुछ दिन पहले, चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने 9 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उनका कार्यकाल 5 दिसंबर, 2027 तक था और अगले साल फरवरी में मौजूदा राजीव कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद वह मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) बन जाते. कानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, गोयल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार से स्वीकार कर लिया है.


अधीर रंजन चौधरी दो चुनाव आयुक्तों का चयन करने वाली इस समीति के हिस्सा थे. बता दें, चुनाव निकाय आने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहा है. बैठक में प्रधानमंत्री और श्री चौधरी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए थे. 


अधीर रंजन चौधरी ने साधा निशाना


कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने चयन समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय मंत्री को शामिल करने वाले कानून को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ''भारत के मुख्य न्यायाधीश को इस समिति में होना चाहिए था.'' उन्होंने कहा कि पिछले साल लाए गए कानून ने बैठक को महज एक ''औपचारिकता'' तक सीमित कर दिया है. "पैनल में सरकार बहुमत में है. वे जो चाहते हैं वही होता है."


सीजेआई नहीं कर सकते हस्तक्षेप 


“उनके (सरकार) पास बहुमत है. उन्होंने नियुक्ति से 10 मिनट पहले मुझे छह नाम दिए. मुझे पता है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश वहां नहीं हैं, सरकार ने ऐसा कानून बनाया है कि सीजेआई हस्तक्षेप नहीं करते हैं और केंद्र सरकार एक अनुकूल नाम चुन सकती है. मैं यह नहीं कह रहा कि यह मनमाना है लेकिन जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है उसमें कुछ खामियां हैं.''