नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से दफा 370 हटाए जाने के बाद से हिरासत में लिए साबिक वज़ीरे आला उमर अब्दुल्लाह की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मरकज़ी हुकूमत को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि क्या कि वो उमर अब्दुल्ला को रिहा कर रही है? अगर हां तो जल्द रिहा करे या फिर हम उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट के ज़रिए दाखिल की गई अर्ज़ी पर समाअत करें?


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बता दें कि 2 मार्च को उमर अब्दुल्ला की हिरासत को चुनौती देने वाली अर्ज़ी पर सुप्रीम कोर्ट ने समाअत टाल दी थी. मामले की समाअत के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को एक रिपोर्ट दी जिसमें जम्मू कश्मीर में हिरासत में रखे गए लोगों की पूरी जानकारी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट देखने के बाद वह मामले की समाअत करेगा. उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और उन्हें रिहा करने की मांग की है.


सारा अब्दुल्ला ने अपनी अर्ज़ी में हुकूमत के ज़रिए जम्मू कश्मीर सिक्योरिटी एक्ट 1978 के खिलाफ अपील की है. उन्होंने अपनी अर्ज़ी में कहा है कि अब्दुल्ला को हिरासत में रखना 'वाज़ह तौर पर गैरकानूनी' है. नज़रबंदी के हुक्म में बताई गई बातें मुनासिब नहीं जो इस तरह के हुक्म के लिए ज़रूरी हैं. सारा ने इसके साथ ही 5 फरवरी के सरकारी पीएसए हुक्म को खारिज करने की भी दरख्वास्त की है. 


इससे पहले गुज़िश्ता सनीचर को हिरासत में लिए गए साबिक वज़ीरे आला फारुक अब्दुल्ला को रिहा किया गया. उन पर लगाया गया पब्लिक सेफ्टी एक्ट भी हटा दिया गया है. वह क़रीब सात महीने से हिरासत में थे. बाहर निकलने के बाद उन्होंने कहा कि मेरी आज़ादी तब तक अधूरी है, जब तक उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती व दीगर नेताओं की रिहाई नहीं हो जाती.