हाई कोर्ट के खिलाफ चुनाव आयोग की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जज भी इंसान होते हैं
मद्रास हाई कोर्ट की टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. याचिका में कमीशन ने कहा कि मद्रास हाई कोर्ट ने जो टिप्पणियां की हैं, वो बेबुनियाद है.
नई दिल्ली: मद्रास हाई कोर्ट की टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. याचिका में कमीशन ने कहा कि मद्रास हाई कोर्ट ने जो टिप्पणियां की हैं, वो बेबुनियाद है. साथ ही चुनाव कमीशन ने यह भी अपील की है कि हाई कोर्ट की टिप्पणियों मीडिया रिपोर्टिंग पर रोग लगनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब जज किसी मामले को सुनते हैं, तो वे बड़े स्तर पर लोगों के हितों पर ध्यान देते हैं. वे भी इंसान हैं और उन्हें भी तनाव हो सकता है. कोर्ट ने कमीशन को सलाह देते हुए कहा कि मद्रास हाई कोर्ट ने जो कुछ कहा है, उसे सही भावना में ग्रहण किया जाना चाहिए.
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सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कहा कि कोरोना प्रबंधन हमारी समस्या नहीं है लेकिन तमिलनाडु में चुनावों के 20 दिन बाद, उच्च न्यायालय कह रहा है कि हम पर हत्या का आरोप लगना चाहिए. आयोग ने कहा कि हमारे खिलाफ हत्या के आरोपों वाली मद्रास हाई कोर्ट की टिप्पणी को लेकर मीडिया में लगातार चर्चा हो रही है.
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इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसे अच्छी भावना से लें, आपने अच्छा काम किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र में एक शक्तिशाली प्रहरी है, उच्च न्यायालयों में चर्चाओं पर रिपोर्टिंग करने से उसे नहीं रोका जा सकता है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हम हाई कोर्ट्स को निरुत्साहित नहीं करना चाहते क्योंकि वे भी लोकतंत्र के महत्त्वपूर्ण स्तंभ हैं. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि कोरोना के वक्त में जमीनी हालात से जज खुद भी बहुत परेशान हैं.
क्या कहा था मद्रास हाई कोर्ट ने
बता दें कि 26 अप्रैल को मद्रास हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर के लिए किसी एक को जिम्मेदार ठहराना हो तो अकेले चुनाव आयोग जिम्मेदार है. अदालत 2 मई को होने वाली वोटों की गिनती को लेकर भी चुनाव कमीशन से पहले ही रिपोर्ट मांगी थी. कोर्ट ने कहा कि यह जानते हुए भी कि कोरोना अभी बढ़ रहा है, उसके बावजूद चुनावी रैलियों पर रोक नहीं लगाई. इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि इसके लिए अफसरों पर हत्या का मामला चलाया जाना चाहिए.
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