Eidgah Raw: गणेश चतुर्थी कहीं और मनाई जा सकती है, ईदगाह मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला
Ganesh Chaturthi in Idgah: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले को को बदल दिया है जिसमें उसने बेंलुरु में मौजूद ईदगाह में गणेश चतुर्थी उत्सव मनाने की इजाजत दे दी थी. आदालत ने अपने फैसले में कहा कि गणेश चतुर्थी कहीं और भी मना सकते हैं.
Ganesh Chaturthi in Idgah: कर्नाटक के बेंगलुरू में मौजूद ईदगाह मैदान में गणेश पूजा किए जाने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है. इस मामले में कई दिनों से विवाद जारी था जो सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद फिलहाल हो गया है.
अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि "बुधवार और गुरुवार को ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी की पूजा आयोजित नहीं की जाएगी." इस मामले में अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को मामला सुलझाने के लिए हाईकोर्ट से संपर्क करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि "कुछ दिनों तक यथास्थिति बरकरार रखी जाए. आप गणेश पूजा कहीं और भी कर सकते हैं. हाई कोर्ट के पास वापस जाएं." इससे पहले कर्नाटक हाई कोर्ट ने बेंगलुरू ईदगाह में गणेश चतुर्शी मनाने की इजाजत दी थी. इसके बाद वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
क्या है पूरा मामला?
कर्नाटक के बेंगलुरू में मौजूद ईदगाह के बारे में मुसलमानों का कहना है कि वह साल 1871 से इस्तेमाल करते आ रहे हैं. वह अपनी जमीन का इस्तेमाल अपनी इबादत और कब्रिस्तान के तौर पर करते हैं.
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मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि मैसूर स्टेट वक्फ बोर्ड ने ईदगाह की जमीन को कब्रिस्तान की प्रापर्टी घोषित किया है. उन्होंने कहा कि अगर कोई प्रॉपर्टी वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर दी जाती है तो उसके चरित्र में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है. इसे छह महीने के भीतर ही चैलेंज किया जा सकता है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने 27 अगस्त को इस ईदगाह में एक निश्चित समय के लिए धार्मिक गतिविधियां करने की इजाजत दी थी.
हाई कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार ने ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी की पूजा के लिए इजाजत दे दी. कर्नाटक वक्फ बोर्ड और सेंट्रल मुस्लिम एसोसिएशन ऑफ़ कर्नाटक ने हाई कोर्ट के इस फैसेल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ईदगाह में गणेश चतुर्थी मनाने से मना कर दिया.
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