Delhi News: सर्वोच्च न्यायालय ( Supreme Court ) ने शुक्रवार (8 दिसंबर ) को कथित वीडियोकॉन लोन धोखाधड़ी मामले में आईसीआईसीआई बैंक ( ICICI ) की पूर्व CEO और एमडी चंदा कोचर को दी गई 11 महीने की अंतरिम जमानत जारी रखने पर नाराजगी जताई. शुरुआत में जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी ( Justice M Bela Trivedi ) और एस.सी. शर्मा ( Justice SC Sharma ) की पीठ के समक्ष कोचर की तरफ से स्थगन ( Adjournment ) का दरख्वास्त किया गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जस्टिस त्रिवेदी ने सेंट्रल जांच एजेंसी की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से पूछा, "क्या अंतरिम जमानत अभी भी जारी है? आप विरोध क्यों नहीं कर रहे?" इस पर एएसजी राजू ने जवाब देते हउए कहा कि CBI ( Central Beauro Investigation ) आपत्ति जता रही है. अंतरिम ऑर्डर को रद्द करने के लिए बॉम्बे उच्च न्यायालय के समक्ष एक एप्लीकेशन दायर करेंगे.


उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत देने की बुनियाद अपने आप में गलत है और इसलिए, इसे सीबीआई द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने आखिरी मौका देते हुए कहा कि वह इस मामले पर 11 दिसंबर को सुनवाई करेगी.


CBI ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती 
सर्वोच्च न्यायालय  के समक्ष एक खास इजाजत वाली याचिका में, सीबीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. जिसमें कोचर और उनके पति दीपक कोचर को इस बुनियाद पर न्यायिक हिरासत से रिहा करने का निर्देश दिया गया था कि की गई गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं थी.


कोचर पर ये है इल्जाम
सिर्फ दो सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत देने का 9 जनवरी का हाईकोर्ट का हुक्म अभी भी जारी है. चंदा कोचर और उनके परिवार पर इल्जाम है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए लोन के बदले में उन्हें रिश्वत मिली थी.