SC Relief to Rahul: सुप्रीम कोर्ट ने 'मोदी उपनाम' पर टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है. राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. राहुल गांधी की सुनवाई के मामले में कहा था कि उन्हें सजा पर रोक लगाने के लिए इस मामले को एक असाधारण मामला बनाना होगा. 


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राहुल की सांसदी का रास्ता बहाल


अब राहुल गांधी की सांसदी बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है. मोदी उपनाम की टिप्पणी करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत की तरफ से राहुल को दी गई अधिकतम सजा देने के लिए कोई वजह नहीं बताई गई है. आखिरी फैसला आने तक दोषसिद्धि करार दिए जाने तक कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है. कोर्ट का यह भी कहना है कि अगर राहुल गांधी को 1 साल 11 महीने की सजा होती तो वह अयोग्य नहीं ठहराए जाते.


अवाम के अधिकार भी प्रभावित


सुप्रीम कोर्ट ने अपने सुनवाई के दौरान कहा कि "इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ है."


मोदी सरनेम पर की थी टिप्पणी


दरअसल, राहुल गांध ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था कि "नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?" राहुल के इस बयान के बाद भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था. 


अदालत में दलीलें


सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभिषेक मनुसिंघवी दलील दी कि "मानहानि केस की अधिकतम सजा दे दी गई. इसका नतीजा यह होगा कि 8 साल तक जनप्रतिनिधि नहीं बन सकेंगे." रामजेठमलानी ने कहा कि "क्या यह पूरे वर्ग का अपमान नहीं है? पीएम मोदी से राजनीतिक लड़ाई के चलते मोदी नाम वाले सभी लोगों को बदनाम कर रहे हैं." पूर्णेश मोदी के वकील महेश जेठमलानी ने राहुल गांधी का बयान पढ़ा "सारे चरों के नाम मोदी क्यों होते हैं? और ढूंढोगे तो और मोदी चोर निकल आएंगे."


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