नई दिल्ली: तलाक ए हसन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अव्वले नजर में देखकर लगता है कि तलाक-ए-हसन इतना अनुचितन नहीं है. इसके अलावा ये कि महिलाओं के पास भी वकल्प है. कोर्ट ने ये भी कहा कि  प्रथम दृष्टया वो याचिकाकर्ताओं से सहमत नहीं है और अदालत ये नहीं चाहती कि ये किसी दूसरे कारण किसी एजेंडा का हिस्सा बने. 


कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा- आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गईं


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याचिकाकर्ता महिला से कोर्ट ने ये भी कहा कि आप ये भी बताएं कि आप सहमति से तलाक के लिए तैयार हैं या नहीं. कोर्ट ने ये भी पूछा कि आप इस मामले को लेकर सीथा सुप्रीम कोर्ट क्यों आई? इसको लेकर हाई कोर्ट का रुख क्यों नहीं किया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी.


गौरतलब है कि गाजियाबाद की एक महीला ने सुप्रीम कोर्ट में तलाक-ए-हसन खिलाफ याचिका दायर की है. दरअसल महीला को उसके पति ने तालक-ए-हसन के अंदर नोटिस भेजे थे जिसे उसने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. याचिकाकर्ता महिला का कहना है कि तालक-ए-हसन महिलाओं की गरिमा के खिलाफ और इज्जत के साथ जिंदगी गुजारने के हक के भी खिलाफ है.


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