उच्चतम न्यायालय सोमवार को पत्रकार राना अय्यूब की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से उनके खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले में गाजियाबाद की विशेष पीएमएलए अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती दी गई है. शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई कार्य सूची के मुताबिक, अय्यूब की याचिका न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है. 


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वकील ने याचिका को लिस्ट करने की मांग की


इससे पहले 17 जनवरी को प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने अय्यूब की ओर से पेश अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर की दलीलों पर गौर किया था. पीठ ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिका को सूचीबद्ध करने के संबंध में विचार करने पर सहमति जताई थी. ग्रोवर ने कहा था कि गाजियाबाद की विशेष अदालत ने अय्यूब के खिलाफ 27 जनवरी के लिए समन जारी किया है, इसलिए मामले को तत्काल सूचीबद्ध किया जाए.


याचिका में किया ये अनुरोध


अय्यूब ने अपनी रिट याचिका में अधिकार क्षेत्र नहीं होने का हवाला देते हुए ईडी द्वारा गाजियाबाद में शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने का अनुरोध किया, क्योंकि धन शोधन का कथित अपराध मुंबई में हुआ था. पिछले साल 29 नवंबर को गाजियाबाद की विशेष पीएमएलए अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर अभियोजन शिकायत का संज्ञान लिया था और अय्यूब को तलब किया था. अदालत ने कहा था कि धन शोधन के अपराधों के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 44 के साथ धारा 45 के तहत अभियोजन शिकायत संजीत कुमार साहू, ईडी, दिल्ली के सहायक निदेशक द्वारा दायर की गई है. 


राना अय्यूब पर ये हैं आरोप


पिछले साल 12 अक्टूबर को ईडी ने अय्यूब के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें उन पर लोगों को धोखा देने और अपनी निजी संपत्ति बनाने के लिए 2.69 करोड़ रुपये के ‘चैरिटी फंड’ का इस्तेमाल करने तथा विदेशी चंदा कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. ईडी ने एक बयान में कहा था, ‘‘राना अय्यूब ने अप्रैल 2020 से ‘केटो प्लेटफॉर्म’ पर चंदा जुटाने के तीन चैरिटी अभियान शुरू किए और कुल 2,69,44,680 रुपये की धनराशि एकत्र की.’’


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