Survey on Mobile Phones: मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी वीवो साइबर मीडिया रिसर्च के साथ मिलकर पिछले पांच साल से मोबाइल फोन को लेकर आदतों पर सर्वे कर रही है. सर्वे में जो सामने आया है वह काफी चौंकाने वाला है. इस सर्वे के मुताबिक 2019 में 5 घंटे मोबाइल फोन को मिलने वाला औसत वक्त था जो अब 2023 में बढ़कर 6.3 घंटे हो गया है. यानी साफ तौर पर लोगों के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने के टाइमम में बढ़ोतरी देखने को मिली है.


15 से 50 साल के लोगों पर हुआ सर्वे


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इन आंकड़ों के मुताबिक औसतन तौर पर एक शख्स ने 2019 के पूरे साल में 1862 घंटे फोन चलाया और 2023 में 2298 घंटे फोन का इस्तेाल किया. ये सर्वे 15 से 50 साल के 1500 लोगों पर किया गया – इस बार सर्वे में बच्चों और माता पिता के नजरिए को अलग अलग तरीके से देखा गया और उनके मोबाइल फोन इस्तेमाल करने के कारण और मोबाइल से हो रही मानसिक परेशानियों पर गौर किया गया. सर्वे को  बारीकी से देखा जाए तो पता लगता है कि बच्चों के ज्यादा मोबाइल फोन इस्तेमाल करने के पीछ माता-पिता का रोल काफी अहम है. 


सर्वे में हुए कई बड़े खुलासे


इस सर्वे में देखा गया कि 90 फीसद माता-पिता फोन के बिना नहीं रह पाते हैं और वह दिन में औसतन सात घंटे फोन पर व्यतीत कर रहे हैं. इसके अलावा देखा गया कि 92% माता पिता के मुताबिक फोन का ज्यादा इस्तेमाल घर में कर रहे हैं. यानी जो टाइम परिवार, बच्चों और खुदको देना चाहिए वह मोबाइल में बर्बाद हो रहा है. हालांकि कई माता पिता का कहना यह भी है कि अगर वह अपने बच्चों से बात करते हैं तो वह ज्यादा रिलैक्स महसूस करते हैं.


स्टडी में देखा गया कि 93% मां बाप अपने बच्चों को पूरा टाइम नहीं दे रहे हैं. वहीं 90 फीसद ने माना कि वह बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम नहीं बिता रहे हैं. 94% माता पिता अपने बच्चों की मानसिक सेहत को लेकर परेशान हैं. जिसकी वजह से 91% को बच्चों के विकास पर असर पड़ता नजर आ रहा है.


बच्चों पर होनी चाहिए पाबंदियां


91 फीसद माता पिता को लगता है कि मोबाइन फोन के इस्तेमाल करे पर बच्चों पर पाबंदियां होनी चाहिए. इसके साथ ही 92 फीसद माता पिता क लगता है कि बच्चे फोन का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. 77 फीसद पेरेंट्स ने माना है कि उनके बच्चे उनसे मोबाइल फोन ज्यादा इस्तेमाल करने की शिकायत कर चुके हैं.