श्रीनगरः पाकिस्तान हिमायती अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का लंबी बीमारी के बाद बुध की देर रात इंतकाल हो गया. प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के मेंबर और हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के सदर गिलानी पिछले दो दशक से मुख्तलिफ  बीमारियों से मुतासिर थे. वह 92 साल के थे. उन्होंने बुध को श्रीनगर में वाके अपने रिहाइश पर रात 10.30 बजे आखिरी सांस ली. वह कश्मीर से धारा 370 के हटाये जाने के बाद से हैदरपोरा में वाके अपने घर पर नजरबंद थे. पीडीपी सदर महबूबा मुफ्ती ने उनके निधन पर गम का इज़हार किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”गिलानी साहब के इंतेकाल की खबर से गमजदह हूं. हम उनसे ज्यादातर बातों पर इत्तेफाक नहीं रखते थे लेकिन मैं उनकी दृढ़ता और उनके विश्वासों के साथ खड़े होने के लिए उनकी इज्जत करती हूं. अल्लाह तआला उन्हें जन्नत नसीब करे और उनके खानदान सब्र आत करे."

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तीन बार सोपोर से चुने गए थे विधायक 
सैयद अली शाह गिलानी 29 सितंबर 1929 को पैदा हुए थे. पहले वह जमात-ए-इस्लामी कश्मीर के सदस्य थे. बाद में उन्होंने तहरीक-ए-हुर्रियत की स्थापना की. केंद्र जमात-ए-इस्लामी और जेकेएलएफ को यूएपीए के तहत प्रतिबंधित कर चुका है. यह प्रतिबंध 2019 में लगाया गया था. पछले साल उन्होंने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (जी) के सदर के ओहदे से इस्तीफा दे दिया था. वह 1972, 1977 और 1987 में सोपोर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक भी थे. 


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