चेन्नईः तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में जहां एक दलित शख्स को मकान मालिक ने किराए पर फ्लैट देने से इंकार कर दिया है, वहीं  कर्नाटक के कोप्पल जिले में एक दलित परिवार पर 60,000 रुपए का इसलिए जुर्माना लगाया गया है, क्योंकि उसने मंदिर में प्रवेश कर एक हिंदू भगवान की मूर्ति को छूने का जुर्म किया था. इन दोनों मामले में से एक में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है, जबकि एक मामले में दलित परिवार ने डर के मारे पुलिस में शिकायत तक नहीं की है.  

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जाति बताते ही फ्लैट देने से किया इनकार 
पहला मामला-तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में अनुसूचित जाति के एक शख्स से जुड़ा है. यहां उसे किराए पर मकान देने से इनकार किया गया. जानकारी के मुताबिक, अरसापिल्लईपट्टी गांव के रहने वाले वीरन ने किराए पर एक फ्लैट लेने के लिए लक्ष्मी और वेलुसामी नाम के शख्स से संपर्क किया था. वीरन और उनके साथ आए एक दूसरे आदमी को फ्लैट दिखाते हुए लक्ष्मी ने उनकी जाति पूछी थी. जब वीरन ने बताया कि वह अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखता है, तो उसने आदमी ने उसे फ्लैट किराए पर देने से साफ तौर पर इंकार कर दिया. ,

मुस्लिम, ईसाई या एससी/एसटी को फ्लैट देने पर रोक 
दलित राजनीतिक दल विदुथलाई चिरुथाईगल काची (वीसीके) के जिला नेता जोसेफ क्रिस्टोफर, ने बताया, ’’महिला ने उनसे कहा था कि वह अपना फ्लैट मुस्लिम, ईसाई या एससी/एसटी लोगों को किराए पर नहीं देगी, क्योंकि इससे उनके परिवार के देवता नाराज हो सकते है.’’ क्रिस्टोफर ने कहा कि ओट्टाचतिराम बाजार में फ्लैट देने से इनकार करने वाले आदमी वेलुसामी की एक थोक सब्जी की दुकान है. वह अपनी दुकान में अनुसूचित जाति के लोगों से काम करवाकर लाखों रुपये कमाते हैं, लेकिन एक अनुसूचित जाति को घर किराए पर देने से इनकार कर दिया. पुलिस ने लक्ष्मी के खिलाफ एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर इस मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं, आरोपी महिला फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है.

मूर्ति को छूने पर दलित परिवार पर 60 हजार का जुर्माना
दूसरा मामला- कर्नाटक के कोप्पल जिले में एक दलित परिवार पर उसके घर के एक लड़के द्वारा भगवान की मूर्ति को छूने के लिए 60,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, दलित लड़के ने मलूर तालुक के हुल्लेरहल्ली गांव में एक धार्मिक जुलूस के लिए निकाले जाने के लिए तैयार हो रही मूर्ति को छू दिया था. इससे तीन दिन पहले उत्सव के दौरान, लड़के ने मूर्ति को छुआ था और उसे अपने सिर पर ले जाने की कोशिश कर रहा था. ग्रामीणों ने जब उसे ऐसा करते देखा तो उसे वहां से भगा दिया. बाद में पंचायत लगाकर उसके परिवार पर 60,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया. दलित लड़के के माता-पिता से कहा गया है कि जब तक वे जुर्माने की रकम नहीं भर देते तब तक उनके गांव में आने पर प्रतिबंध रहेगा. इस संबंध में दलित परिवार ने अभी तक पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है.


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